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11 सालों में 56 करोड़ से अधिक जन धन खाते खुले, कुल 2.68 लाख करोड़ रुपये जमा हुए

पिछले 11 वर्षों में प्रमुख वित्तीय समावेशन योजना, प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत 56 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं, जिनमें कुल जमा राशि 2.68 लाख करोड़ रुपए है। केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को यह जानकारी दी गई है। पीएमजेडीवाई के 67 प्रतिशत से अधिक खाते ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं और 56 प्रतिशत जन धन खाते महिलाओं द्वारा खोले गए हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएमजेडीवाई प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) का इस्तेमाल कर विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ प्रदान करने, ऋण सुविधाएं, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और बचत एवं निवेश बढ़ाने के प्रमुख माध्यमों में से एक रहा है। इस योजना के तहत 38 करोड़ रुपे कार्ड भी जारी किए गए हैं, जो 2024-25 तक डिजिटल लेनदेन को 22,198 करोड़ तक बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

राज्य वित्त मंत्री ने क्या कहा?

सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि पीओएस और ई-कॉमर्स पर रुपे कार्ड से लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 2017-18 के 67 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 93.85 करोड़ हो गई है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर में बैंक खाता और हर वयस्क को बीमा व पेंशन कवरेज देने के दृष्टिकोण के अनुरूप, देश भर में संतृप्ति अभियान चलाए जा रहे हैं। पीएमजेडीवाई की पहुंच बढ़ाने के लिए ये अभियान 30 सितंबर तक चलेंगे।

शिविर आयोजित कर पात्र व्यक्तियों को खुलेगा खाता

राज्य मंत्री ने कहा कि देश की 2.7 लाख ग्राम पंचायतों में से प्रत्येक में कम से कम एक शिविर आयोजित किया जाएगा, जहां पात्र व्यक्ति पीएमजेडीवाई खाते खोल सकते हैं, जनसुरक्षा योजनाओं के तहत नामांकन करा सकते हैं और अपने बैंक खातों में पुनः केवाईसी और नामांकन अपडेट भी करा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम बैंक खातों में लगभग सैचुरेशन प्राप्त कर चुके हैं और देश भर में बीमा और पेंशन कवरेज में लगातार वृद्धि हुई है।

11 साल पहले हुई थी योजना की शुरुआत

प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) खातों में कुल जमा राशि 2,67,756 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है, जबकि खातों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है और कुल जमा राशि में लगभग 12 गुना वृद्धि हुई है। 11 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को यह वादा दिया था कि कोई भी गरीब परिवार बैंकिंग की दुनिया से बाहर नहीं रहेगा। इसी दिशा में ‘जन धन’ योजना (पीएमजेडीवाई) के रूप में एक परिवर्तनकारी पहल की शुरुआत हुई। यह योजना भारत के वित्तीय क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लेकर आई।

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