साइबर अपराध रोकने पुलिस और बैंक अधिकारी मिलकर करेंगे काम

सूरजपुर । तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम और बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए 21 अगस्त को पुलिस कार्यालय सभाकक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर प्रशांत कुमार ठाकुर ने की। इसमें शहर के विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधक और पुलिस अधिकारी शामिल हुए।
बैंक की भूमिका अहम
बैठक में डीआईजी/एसएसपी ने कहा कि साइबर अपराधियों को पकड़ने और उनके नेटवर्क को तोड़ने में बैंकों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। यदि जानकारी देने में देर होती है तो अपराधी फरार हो सकते हैं।
उन्होंने निर्देश दिए कि बैंक खाता खोलते समय ग्राहक की पूरी जांच-पड़ताल और दस्तावेज़ सत्यापन किया जाए। खाता केवल संबंधित व्यक्ति की मौजूदगी में ही खोला जाए। खाता आधार से लिंक मोबाइल नंबर के साथ ही संचालित हो। संदिग्ध लेन-देन की सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए खाता होल्ड किया जाए। लोन प्रक्रिया में व्यक्ति की प्रत्यक्ष मौजूदगी में तस्दीक अनिवार्य हो।
जागरूकता और सामुदायिक पहल
डीआईजी/एसएसपी ठाकुर ने कहा कि नागरिकों को यह समझना होगा कि यदि देर रात कोई फोन कर खाता बंद होने की धमकी देता है तो वह साइबर अपराधी है, न कि बैंक कर्मचारी। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी बैंकों के अंदर और बाहर साइबर अपराध से बचाव संबंधी फ्लैक्स लगाए जाएं। प्रत्येक बैंक में थाना, चौकी और पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर स्पष्ट रूप से लिखा जाए। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 का व्यापक प्रचार किया जाए। भीड़-भाड़ वाले स्थानों और सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, थाना प्रभारी सूरजपुर विमलदेश दुबे, साइबर सेल प्रभारी राकेश यादव सहित भारतीय स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईडीबीआई, यूको बैंक, जिला सहकारी बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक और प्रतिनिधि मौजूद रहे।




