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खाद्य पदार्थों में मिलावट पर सजा का प्रावधान ख़त्म करना चिंताजनक-गोपाल साहू, प्रदेश अध्यक्ष AAP

रायपुर. खाद्य पदार्थों में मिलावट पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने कहा है कि खाने-पीने की चीजों दूध घी पनीर सहित अन्य में मिलावट से लोग गंभीर बीमारी का शिकार हो रहे हैं। सरकार की मुहीम “बने खाबो-बने रहिबो” में महज खाना पूर्ति हो रही है।

खाद्य पदार्थों में मिलावट पर खाद्य और औषधि प्रशासन की लापरवाही एक अत्यंत गंभीर और चिंताजनक विषय है, क्योंकि यह सीधे जनता के स्वास्थ्य और जीवन से जुड़ा हुआ मामला है। जब संबंधित विभाग, जिसका कार्य खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है, अपनी जिम्मेदारियों में लापरवाही करता है, तो मिलावटखोरों का हौसला और बढ़ जाता है। और जब से भारतीय दंड संहिता के बीएनएस में तब्दील होने के बाद खाद्य पदार्थों के अमानक मिलने पर सजा के प्रावधान को कर दिया गया है अब मिलावट मिलने पर गंभीरता के आधार पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है जिससे मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं अब उनको सजा का डर नहीं रह गया जो की चिंताजनक है। राजधानी रायपुर सहित दुर्ग, बिलासपुर, और राजनांदगांव में नकली खोया और सिंथेटिक दूध, नकली रिफाइंड तेल, हल्दी, मिर्ची पाउडर और धनिया पाउडर में रंग और सस्ते तत्व मिलाने की घटनाएं सामने आई हैं। राजधानी रायपुर में कुछ दिन पहले ही वनस्पति घी और दूध पावडर से पनीर बनाने का धंधा पकड़ाया जो की पूरे प्रदेशभर में सक्रिय है, मामला न्यायालय में है लेकिन धीमी गति से कार्यवाही होने मिलावटखोरों में डर ख़त्म हो जाता है।

प्रदेश महासचिव (मीडिया, सोशल मीडिया प्रभारी, मुख्य प्रवक्ता ) सूरज उपाध्याय ने कहा कि खाद्य और औषधि प्रशासन द्वारा नियमित रूप से बाजार और दुकानों की जांच नहीं होती, त्योहारों या विशेष मौकों पर ही खानापूर्ति के लिए अभियान चलाए जाते हैं। अधिकांश जिलों में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए प्रयोगशालाएं या तो हैं ही नहीं या उनमें स्टाफ और संसाधनों की भारी कमी है। कई बार खाद्य निरीक्षक और अधिकारी मिलावटखोरों से समझौता कर लेते हैं और कार्रवाई नहीं करते। जुर्माने की राशि देकर दोषी बच निकलते हैं। आम जनता की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जाता और सबसे अहम बात है कि खाद्य विभाग कार्रवाई में देरी से मिलावटखोरों को समय मिल जाता है सबूत मिटाने का। जिससे जनस्वास्थ्य खतरे में पड़ता है तथा गंभीर बीमारियाँ फैलती हैं। देश की खाद्य गुणवत्ता की छवि धूमिल होती है खाद्य विभाग में जवाबदेही तय होनी चाहिए।

प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तम जायसवाल और प्रदेश उपाध्यक्ष भानुप्रकाश चंद्रा ने कहा कि खाद्य और औषधि प्रशासन को प्रत्येक जिले में सक्रिय मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन होनी चाहिए, ऑनलाइन शिकायत प्रणाली को तेज और पारदर्शी बनाया जाए। भ्रष्ट अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई होना चाहिए। खाद्य विभाग की लापरवाही से न केवल मिलावट की घटनाएं बढ़ती हैं, बल्कि एक पूरी पीढ़ी का स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाता है। यह ज़रूरी है कि सख़्त निगरानी, नियमित जांच और कठोर दंड के ज़रिए इस लापरवाही को रोका जाए। जनता को भी सजग रहकर इस व्यवस्था पर प्रश्न उठाने चाहिए और अपने अधिकारों के लिए आवाज़ बुलंद करनी चाहिए।

प्रदेश उपाध्यक्ष नंदन सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी मिहिर कुर्मी, रायपुर लोकसभा अध्यक्ष अज़ीम खान ने कहा कि आम आदमी पार्टी स्वास्थ्य से जुड़े इस मुद्दे पर गंभीर है और सरकार से आग्रह करती है कि खाद्य और औषधि प्रशासन के अधिकारियों को मिलावट होने पर त्वरित और सख्त कार्यवाही के निर्देश दे।

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