वर्कलोड मैनेजमेंट के सवाल पर जसप्रीत बुमराह का फूटा गुस्सा, कहा- लोग बोलते रहेंगे, जबतक भगवान…

टीम इंडिया इस वक्त इंग्लेंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला हेडिंग्ले, लीड्स में खेल रही है। इस सीरीज में टीम इंडिया के पास सीनियर खिलाड़ी रोहित शर्मा, विराट कोहली और आर. अश्विन जैसे खिलाड़ी नहीं हैं। टीम इंडिया की कमान युवा शुभमन गिल को सौंपी गई है। वहीं, टीम इंडिया के एकमात्र अनुभवी खिलाड़ी के रूप में जसप्रीत बुमराह हैं। ऐसे में उन्होंने हेडिंग्ले टेस्ट के दौरान अपना जलवा भी बिखेरा है।
जसप्रीत बुमराह ने के सामने इंग्लैंड के बड़े-बड़े बल्लेबाज पस्त होते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने पहली पारी में इंग्लैंड के पांच बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। भारत के दिग्गज तेज गेंदबाज से प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर सवाल पूछा गया। उन्होंने इस सवाल का खूबसूरत अंदाज में जवाब दिया है।
जब तक भगवान ने लिखा है खेलूंगा- जसप्रीत बुमराह
इंग्लैंड और भारत के बीच 22 जून को तीसरे दिन का खेल समाप्त हो गया। जिसके बाद जसप्रीत बुमराह से वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर सवाल पूछा गया। इन्होंने इस सवाल का शानदार जवाब दिया। बुमराह ने कहा कि “लोग बोलते रहेंगे। अब जाएगा, अब जाएगा। मैं 10 या 12 साल से खेल रहा हूं। आईपीएल खेलता हूं। जब तक भगवान ने लिखा है तब तक खेलूंगा। मैं औरो को कंट्रोल नहीं कर सकता हूं। मैं सिर्फ अपनी तैयारियों पर फोकस करता हूं और बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूं।”
कैच छूटना खेल का हिस्सा- जसप्रीत बुमराह
भारतीय टीम ने हेडिंग्ले टेस्ट में खराब फिल्डिंग का प्रदर्शन किया है। बुमराह की गेंदबाजी पर तीसरे दिन चार कैच छूटे। ऐसे में जस्सी से इस बारे में भी सवाल पूछा गया। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि “कैच छूटना खेल का हिस्सा है। यह कोई जानबूझकर नहीं करता हैं। खिलाड़ी अनुभव से ही सीखता है।”
जसप्रीत बुमाराह ने इंग्लैंड की पहली पारी में बेन डकेट, जो रूट, हैरी ब्रूक और टंग को अपना शिकार बनाया। इंग्लैंड के बल्लेबाज पहली पारी में जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी से काफी परेशान नजर आए। इसके साथ ही बुमराह ने सबसे ज्यादा पांच विकेट लेने के मामले पूर्व दिग्गज कपिल देव की बराबरी कर ली है। बुमराह और कपिल देव ने घर से बाहर खेलते हुए 12-12 दफा 5 विकेट लिए हैं। कपिल देव ये उपलब्धि 66 टेस्ट मैच खेलकर हासिल की थी। जबकि बुमराह ने ये कारनामा महज 34 टेस्ट मैच खेलकर दिखाया है।



