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दमोह के मिशनरी हॉस्पिटल में ढाई महीने में 15 हार्ट सर्जरी, 12 मरीजों की मौत का आरोप

दमोह: मिशन अस्पताल में दिल के मरीजों के साथ खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है. दरअसल मिशन अस्पताल में लंदन के कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ एनजोन केम के नाम पर एक फर्जी डाॅक्टर ने करीब ढाई महीने काम किया. इस दौरान करीब 15 हार्ट सर्जरी करने और इनमें से 12 मरीजों की मौत होने के आरोप लग रहे हैं. हांलाकि इस मामले में सीएमएचओ ने प्रारंभिक जांच में 2 मौतों की बात कही है. बताया जा रहा है कि इस मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम दमोह पहुंचकर जांच करने वाली है. इधर कलेक्टर ने मामले की जांच होने पर सही स्थिति बताए जाने की बात कही है.

लंदन के कार्डियोलाॅजिस्ट के नाम पर फर्जी डॉक्टर
दमोह के मिशन अस्पताल पर आरोप लगे हैं कि यहां पर लंदन के कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ एनजोन केम के नाम पर एक फर्जी डाॅक्टर ने लोगों का इलाज किया और यहां तक कि 15 सर्जरी कर डाली. इतना ही नहीं, बताया जा रहा है कि दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच इन 15 लोगों में से 7 मरीजों की मौत भी हो चुकी है. हांलाकि जिले के सीएमएचओ डाॅ मुकेश जैन और डीएचओ डाॅ विक्रम चौहान ने अब तक सिर्फ 2 मौतों की पुष्टि की है और जांच चलने तक कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है.

फर्जी डाॅक्टर नरेन्द्र यादव हुआ फरार
मामला सामने आने के बाद फर्जी डाॅक्टर नरेन्द्र यादव फरार हो गया है. बाल कल्याण समिति ने डाॅ नरेन्द्र यादव पर फर्जी ऑपरेशन करने के आरोप लगाए हैं. नरेन्द्र यादव पर आरोप है कि उसने लंदन के डॉक्टर एनजोन केम के नाम से अस्पताल में नौकरी की और हार्ट पेशेंट की सर्जरी की.

जांच में देरी के चलते मानव अधिकार में शिकायत
इस मामले में शिकायतकर्ता एडवोकेट दीपक तिवारी ने जांच में देरी के चलते मार्च में मानव अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. दीपक तिवारी का कहना है कि “अगर गंभीरता से जांच की जाए, तो मौतों का आंकड़ा अभी और बढ़ेगा. वहीं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही जांच टीम दमोह भेजने की बात कही है. जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.”

बाल संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने उठाया मामला
बाल संरक्षण आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर इस मामले का खुलासा करते हुए कहा है कि अस्पताल प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से जुड़ा है, जहां बडे पैमाने पर सरकारी राशि के दुरुपयोग की संभावना है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस मामले में अस्पताल की मैनेजर पुष्पा खरे ने सर्जरी और मौतों के गलत आंकड़े पेश किए जाने की बात कही है. वहीं कलेक्टर सुधीर कोचर ने जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होने की बात कही है. वहीं सीएमएचओ डाॅ मुकेश जैन का कहना है कि जांच होने तक मामला गोपनीय रखने के लिए कहा गया है. जांच के बाद ही कोई टिप्पणी कर पाएंगे.

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