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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष को दी नसीहत, कहा- दुर्घटनाओं पर राजनीति न करें

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि सरकार रेलवे में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। रेलवे सुरक्षा पर प्रतिवर्ष 1.14 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।

राज्य सभा में रेलवे संशोधन विधेयक 2024 पर चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि वार्षिक रेल दुर्घटना दर 171 घटनाओं से घटकर 30 हो गई है। रेलवे संशोधन विधेयक 2024 को राज्यसभा में ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। यह विधेयक पिछले साल 11 दिसंबर को लोकसभा में पारित किया गया था। रेलवे संशोधन विधेयक, 2024 में रेलवे बोर्ड की स्वतंत्रता को बढ़ाने और कामकाज बेहतर करने का प्रविधान है।

रेलवे संशोधन विधेयक पर दिया जवाब
रेल मंत्री ने कहा, ‘संप्रग सरकार में सुरक्षा बढ़ाने के लिए निवेश आठ हजार से 10 हजार करोड़ रुपये के बीच हुआ करता था। आज हम सुरक्षा बढ़ाने पर हर साल 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पटरियों, सुरक्षा उपकरणों और लेवल क्रासिंग को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं।’

उन्होंने कहा कि संप्रग के कार्यकाल में 4.11 लाख नौकरियां दी गईं, राजग सरकार में 5.02 लाख नौकरियां दी गई हैं। उन्होंने कहा, अब महाप्रबंधकों के पास अनुबंध स्वीकार करने का 100 प्रतिशत अधिकार है, चाहे निविदा राशि 10 करोड़ रुपये हो या 1,000 करोड़ रुपये। महाप्रबंधकों को 50 करोड़ रुपये से कम की परियोजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार भी दिया गया है। वैष्णव ने विपक्ष की इस आशंका को खारिज कर दिया कि रेलवे संशोधन विधेयक राज्य सरकारों की शक्ति कम करेगा।

विपक्ष को दी राजनीति न करने की नसीहत
रेल मंत्री ने कुंभ के दौरान नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ जैसी रेल दुर्घटनाओं को लेकर राजनीति नहीं करने की नसीहत देते हुए कहा कि रेल मंत्रालय ने इस घटना से सीख लेते हुए तमाम उपाय किए हैं जिनमें देश के प्रमुख स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रतीक्षा क्षेत्र बनाना शामिल है।

वैष्णव ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है। उल्लेखनीय है कि 15 फरवरी को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी। विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर रेलवे संशोधन विधेयक, 2024 के जरिये रेलवे बोर्ड पर नियंत्रण करने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि वह संसदीय समिति की जांच से बच रही है।

कांग्रेस सदस्य विवेक के. तन्खा ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित कानून के तहत रेलवे बोर्ड की स्वतंत्रता खत्म हो गई है। उन्होंने रेलवे बोर्ड को स्वायत्तता दिए जाने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के प्रकाश बराइक ने कहा कि विधेयक को संसद की प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए।

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