मतदाताओं को दिग्विजय कार्यकाल के मध्य प्रदेश की याद दिलाएगी भाजपा

भोपाल। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा एकबार फिर मिस्टर बंटाधार की याद दिलाएगी। भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नामकरण मिस्टर बंटाधार किया है। भाजपा ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे जनता को याद दिलाएं कि 2003 के पहले दिग्विजय सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के हालात कैसे थे? सड़कों के क्या हाल थे? बिजली कितनी देर रहती थी? इसके बाद भाजपा के करीब साढ़े 18 साल के शासन में क्या-क्या बदलाव आए हैं? इसके लिए पार्टी ने कामकाज का तुलनात्मक चार्ट तैयार कर कार्यकर्ताओं को सौंपा है।
कांग्रेस में आए बदलाव और दिग्विजय सिंह की प्रदेश में सक्रियता से भाजपा बेहद सतर्क है। कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि घर-घर जाकर इस हकीकत को बताना है। इसके साथ में मोदी और शिवराज सरकार की उपलब्धियों का भी ब्योरा दिया जाए। ये कवायद इस लिए की जा रही है कि कांग्रेस सरकार पर नाकामियों का आरोप लगाएगी। उससे पहले पार्टी कांग्रेस की ही घेराबंदी करना चाहती है।
भाजपा ने वर्ष 2003 में सड़क-बिजली, पानी और विकास के मुद्दे पर कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार को पराजित किया था। उन दिनों भाजपा तत्कालीन कांग्रेस सरकार में सत्ता विरोधी लहर का लाभ लेने में भी सफल रही थी। इसके बाद भाजपा ने वर्ष 2008 और 2013 में भी भाजपा ने विधानसभा चुनाव में एकतरफा विजय पाई। वर्ष 2018 में जरूर भाजपा ने कांग्रेस की किसान कर्जमाफी के जाल में फंसकर सत्ता गवां दी। बाद में 2020 में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों ने कमल नाथ सरकार गिराई तो भाजपा की सरकार बन गई।
अब भाजपा एक बार फिर चुनाव मैदान में है और उसे भी सत्ता विरोधी रूझान का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा ने इसके तोड़ के लिए कांग्रेस सरकार की बदहाली की याद जनता को दिलाना प्रारंभ कर दिया है। कांग्रेस दिग्विजय के कार्यकाल को मि बंटाधार के रूप में पेश करती है और वह जनता को बताती है कि कांग्रेस ने मप्र को न सिर्फ बीमारू बनाया बल्कि विकास में भी कई दशक पीछे ढकेल दिया। इसके साथ- साथ कांग्रेस की कमल नाथ सरकार को भी भाजपा चुनावी मुद्दा बनाएगी। भाजपा कमल नाथ सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार से आम जनता को अवगत कराएगी। यह भी समझाएगी कि कांग्रेस सरकार आएगी तो मप्र में फिर भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच जाएगा।



