शुरू हो चुका है 75 दिनों तक चलने वाले विश्व के एक मात्र दशहरा उत्सव…

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर के करीब बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाले विश्व के एक मात्र दशहरा उत्सव की शुरुआत हो गई। जिसे पाट जात्रा भी कहा जाता है। इस 75 दिन तक चलने वाले इस दशहरा में साल की लकड़ी की पूजा की जाती है। जिसका उपयोग रथ निर्माण के लिए औजार तैयार करने में किया जाता है। बता दे की इस वर्ष बस्तर दशहरा 19 अक्टूबर को संपन्न होगा। जहाँ सबसे पहले 4 अगस्त को पाट जात्रा पूजा विधान के साथ आयोजन की शुरुआत हुई, उसके बाद 16 सितंबर को सिरहासार भवन में डेरी गड़ाई पूजा विधान होगी, फिर 2 अक्टूबर को भंगाराम चौक स्थित काछनगुड़ी में काछनगादी को पूजा होगी। ऐसे ही इस पाठ में होने वाले पूजा 19 अक्टूबर तक चलते रहेंगे
75 दिन तक चले वाले दशहरा में रावण का पुतला दहन नहीं होता,इस 75 दिवसीय दशहरा उत्सव का आयोजन भगवान श्रीराम के ननिहाल कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में होता है। बस्तर संभाग का एक नाम दंडकारण्य है। माना जाता है कि रामायण में वर्णित दंडकारण्य यही है। बस्तर में भगवान राम से जुड़े कई स्थान है। इनमें एक रामाराम भी शामिल है। यह सुकमा जिला में स्थित है। माना जाता है कि भगवान राम ने वनवास के दौरान वहां रुके थे। और तभी से 75 दिनों की ये मान्यता चली आ रही है,