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2 करोड़ रुपए की लागत से बना डाय फ्राम वॉल पहली बारिश में टूटा, ठेका कंपनी से ली गई 5 लाख की पेनाल्टी…

गरियाबंद। तेल नदी के सेनमूड़ा घाट पर 2 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2022 में बना डाय फ्राम वॉल पहली ही बारिश में टूट गया. वॉल का करीब 20 मीटर से अधिक हिस्सा बीच से क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन इसके बाद अब तक कोई ठोस मरम्मत कार्य नहीं हुआ है. संबंधित अफसरों का दावा है कि “जितना निर्माण हुआ है, उसी में योजना का उद्देश्य पूरा हो जाएगा.”बता दें, कांग्रेस सरकार द्वारा स्वीकृत जल प्रदाय योजना के तहत सेनमूड़ा घाट पर टैंक निर्माण कराया जाना था. लेकिन तकनिकी और अन्य कारणों से 2 साल बाद अब 2025 में निर्माण कार्य शुरू किया गया है. लेकिन योजना के स्वीकृत होते ही साल 2022 में इस टैंक में जल स्तर बनाए रखने के लिए टैंक लोकेशन से महज 30 मीटर दूरी पर डाय फार्म वाल खड़ा किया गया था, ताकि नदी का बहाव एक स्तर पर रुका रहे और टैंक भरने में आसानी हो. लेकिन करोड़ों की लागत से बने इस वॉल की हालत बेहद खस्ता हो चुकी है.

जिला पंचायत की निर्माण समिति के सभापति देशबंधु नायक, जो खुद सेनमूड़ा निवासी हैं, ने इस निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि योजना के अनुसार वॉल को जिस मजबूती के साथ तैयार किया जाना था, उसमें भारी लापरवाही की गई. यही वजह है कि यह वॉल पहली ही बारिश में बह गया.
देशबंधु नायक ने आगे कहा कि “यह जिले का पहला ऐसा निर्माण कार्य है जो पूरा होने से पहले ही टूट गया, और इसके बावजूद रिकॉर्ड में इसे पूर्ण बताया गया.” उन्होंने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए झाखरपारा शिविर में संबंधित शिकायत भी दर्ज कराई है.

नायक ने बताया कि वॉल निर्माण में गड़बड़ी के लिए ज़िम्मेदार इंजीनियर पीआर सिरमौर्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि उन्हें छुरा सबडिविजन का एसडीओ बना दिया गया. उन्होंने कहा कि इस काम का चार्ज लेने से अन्य इंजीनियर भी कतरा रहे थे, जो विभागीय लापरवाही का संकेत है.
उद्देश्य की पूर्ति हो जाएगी: सिंचाई विभाग अधिकारी

सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता एस.के. बर्मन ने बताया कि वॉल टूटने के बाद उसकी मरम्मत करवाई गई थी. वॉल के अन्य हिस्सों पर भी सपोर्टिंग कार्य कराए गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि निर्माण में खामी के चलते ठेका कंपनी से 5 लाख रुपये की पेनाल्टी वसूली गई है. बर्मन के अनुसार, “वॉल से योजना के उद्देश्य की पूर्ति हो जाएगी.”

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