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01 जून से 31 दिसम्बर तक जिले के सभी विकासखण्डों में चलाया जाएगा ‘मोर लईका-स्वस्थ लईका‘ अभियान

बालोद । कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने बालोद जिले में महिलाओं एवं बच्चों के कुपोषण दूर करने हेतु पुख्ता उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्हांेने माॅ के गर्भ से ही गर्भस्थ शिशु के देखभाल के उपाय करने को कहा है। कलेक्टर श्री चन्द्रवाल आज संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित महिला एवं बाल विकास विभाग के समीक्षा बैठक मंे विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को उक्ताशय के निर्देश दिए हैं। बैठक में श्री चन्द्रवाल ने गुण्डरदेही विकासखण्ड में बच्चों के कुपोषण दूर करने हेतु चलाए जा रहे ‘मोर लईका – स्वस्थ लईका‘ अभियान के बेहतर परिणामों की सराहना करते हुए इसके तर्ज पर सम्पूर्ण बालोद जिले में बच्चों के कुपोषण दूर करने हेतु 01 जून से 31 दिसम्बर 2024 तक ‘मोर लईका – स्वस्थ लईका‘ अभियान चलाए जाने की जानकारी दी। उन्होंने इस अभियान को सफल बनाने हेतु विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों को सभी तैयारियाॅ सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन सहित जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों के अलावा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

बैठक में श्री चन्द्रवाल ने विभाग के अधिकारियों से गुण्डरदेही विकासखण्ड में बच्चों के कुपोषण मुक्ति अभियान के अंतर्गत कुपोषित बच्चों की स्थिति में हुए उल्लेखनीय सुधार के लिए बनाए गए योजना के संबंध में भी जानकारी ली। गुण्डरदेही विकासखण्ड के परियोजना अधिकारी ने बताया कि इसके लिए समाज के जागरूक लोगों, शिक्षकों तथा गणमान्य जनों को कुपोषित बच्चों के दत्तक पालक की जिम्मेदारी दी गई है। इन सभी के द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लेकर बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने एवं उनके देखरेख करने के अलावा पालकों से गृहभेंट कर लगातार उनके व्यवहार परिवर्तन एवं साफ-सफाई के संबंध में प्रेरित किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप गुण्डरदेही विकासखण्ड के कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने में आशातीत सफलता मिली है। कलेक्टर श्री चन्द्रवाल ने गुण्डरदेही विकासखण्ड में किए गए उपायों की सराहना करते हुए इसी के तर्ज पर सम्पूर्ण जिले में कुपोषण मुक्ति हेतु अभियान चलाने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण को जड़ से समाप्त करने के लिए माताओं के गर्भवती होने के पश्चात ही पूरे 09 माह तक तथा नवजात शिशु के जन्म होने के बाद से ही इसके लिए समुचित उपाय करना आवश्यक है। बैठक में कलेक्टर ने जिला अस्पताल में सखी वन स्टाॅप सेंटर के पास स्थित आईसोलेशन सेंटर में पोषण पुनर्वास केन्द्र बनाए जाने की भी जानकारी दी। उन्होंने वहाॅ पर बच्चों एवं उनके माताओं के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की जानकारी भी दी। श्री चन्द्रवाल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा नियमित रूप से बच्चों का सही तरीके से वजन एवं उॅचाई का मापन कराने के भी निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने बच्चों के वजन की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में श्री चन्द्रवाल ने पोषण आहार अंतर्गत दर्ज एवं लाभान्वित हितग्राहियों की परियोजनावार समीक्षा की। इसके अलावा उन्होंने पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कुपोषित बच्चों की संख्या के संबंध में जानकारी ली तथा सभी कुपोषित बच्चों को प्राथमिकता के साथ पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराने के निर्देश दिए। इसके अंतर्गत उन्होंने गंभीर श्रेणी से सामान्य श्रेणी एवं मध्यम श्रेणी में आने वाले बच्चों के संख्या के संबंध में भी जानकारी ली।

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