
नई दिल्ली। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने विपक्ष पर निशाना साधकर कहा है कि विपक्ष हार के डर से पहले ईवीएम (ईवीएम) और अब मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर सवाल उठा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक पारदर्शी मतदाता सूची चाहता है, जिसके लिए वह सत्यापन करा रहा है। इस बात में विरोधी दलों को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
बीजेपी नेता पाल ने कहा कि मतदाता सूची से उन लोगों के नाम जोड़े जाते हैं, जो 18 साल के हो गए हैं और उनके नाम हटाए जाते हैं जिनकी मृत्यु हो गई है। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या, बांग्लादेशी या नेपाली जैसे अवैध प्रवासियों के नाम भी सूची से हटाए जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार और बंगाल में बड़े पैमाने पर अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड और पहचान पत्र बनवाकर मतदाता बना दिया गया है। इसके लिए जरुरी हैं कि इसतरह के अवैध प्रवासियों को मतदान करने से रोक जाए। शायद इसीकारण से विरोधी दलों के पेट में दर्द हो रहा है।
जगदंबिका पाल ने कहा कि सिर्फ भारत के नागरिक को ही वोट देने का अधिकार है और चुनाव आयोग का दायित्व है कि वह मतदाता सूची से अवैध लोगों के नाम हटाए। उन्होंने कहा कि अगर किसी का नाम कटा है तब वह चुनाव आयोग को आपत्ति दे सकता है। उन्होंने विपक्ष पर सदन को न चलने देने और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को पता है कि वे चुनाव हारने वाले हैं, इसलिए वे हार का बहाना बना रहे हैं। इसके अलावा, पाल ने पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी पर हुए हमले की आलोचना करते हुए इसे राज्य प्रायोजित हिंसा बताया और इसमें ममता सरकार की संलिप्तता का आरोप लगाया।