हल्दी गांठ की माला का 1 उपाय, बदलकर रख देगा आपका जीवन, गुरु पूर्णिमा पर करें धारण
हिन्दू धर्म में गुरु को ईश्वर से भी बड़ा दर्जा दिया गया है. ऐसा कहा भी गया है कि गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय, बलिहारी गुरु अपने गोविन्द दियो बताय. वहीं शास्त्रों में गुरु पूर्णिमा के दिन को अत्यंत शुभ बताया गया है, जो कि आषाढ़ माह आती है. इस बार गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जा रही है. यह दिन पूरी तरह से गुरु के लिए समर्पित है और लोग इस दिन अपने गुरु से आशीर्वाद लेते हैं. पुराणों के अनुसार, इस तिथि के दिन महाभारत के रचयिता ऋषि वेद व्यास का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इस दिन कुछ विशेष उपायों से आपके जीवन में जबरदस्त बदलाव आ सकते हैं. इनमें से एक है हल्दी के गांठ की माला धारण करना. इसे कैसे धारण करें? किन बातों का रखें ध्यान और क्या है इसका महत्व? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
हल्दी की गांठ की माला का महत्व
आपको बता दें कि पीला रंग भगवान विष्णु का प्रिय है. वहीं हल्दी का रंग भी पीला होता है और इसे पवित्र माना जाता है. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हल्दी की माला पहनने से ग्रह-दोषों से मुक्ति मिलती है. साथ ही हल्दी की माला पहनने से गुरु ग्रह मजबूत होता है. इसके अलावा यदि आपके विवाह में किसी तरह की बाधा आ रही है तो यह भी हल्दी की गांठ की माला पहनने से दूर हो सकती है.
इन बातों का रखें ध्यान
– माला को धारण करने से पहले शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें.
– हल्दी की गांठ की माला पहनने से पहले उसे गंगाजल से शुद्ध कर लें.
– माला को धारण करते समय “ॐ नमो नारायणाय” या “गुरुदेव ब्यौं नमः” मंत्र का 108 बार जाप कर करें.
– माला पहनने के बाद उसे हमेशा साफ रखें.
– माला को कभी उतारकर गंदे स्थान पर ना रखें.
– जब किसी के अंतिम संस्कार में जाएं तो माला घर उतार कर जाएं और वहां से आकर स्वयं पवित्र होएं और माला को भी गंगाजल से पवित्र करके फिर से धारण करें.