छत्तीसगढ़

स्टेशन पर मानव तस्करी और धर्मांतरण का खुलासा

भिलाई। दुर्ग रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी और धर्मांतरण के प्रयास का सनसनीखेज मामला सामने आया है। नारायणपुर की तीन युवतियों को नौकरी का झांसा देकर आगरा ले जाते समय जीआरपी ने एक युवक और दो ननों को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 143 (मानव तस्करी) और धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1968 की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है। तीनों को 8 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

जीआरपी को मुखबिर से सूचना मिली थी कि तीन डरी-सहमी युवतियां स्टेशन पर एक युवक और दो ननों के साथ मौजूद हैं। पूछताछ में युवतियों ने बताया कि उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर पहले छत्तीसगढ़ में रखने की बात कही गई थी, लेकिन बाद में आगरा ले जाने का दबाव डाला गया। युवतियों की उम्र 18-19 साल के बीच है और वे आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवारों से हैं।

गिरफ्तार आरोपियों में नारायणपुर निवासी सुखमन मंडावी और आगरा की नन प्रीति मैरी व वंदना फ्रांसिस शामिल हैं। बजरंग दल के कार्यकर्ता सूचना मिलते ही स्टेशन पहुंचे और प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं, बेपटिस्ट चर्च के प्रेसिडेंट एम. जोनाथन जॉन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह कार्रवाई दबाव में की गई है और ननों के खिलाफ जबरन धर्मांतरण का मामला बनाया गया है। रेलवे एसपी श्वेता सिन्हा ने बताया कि युवतियों को नारी निकेतन भेजा गया है और परिजनों को सूचना दी गई है। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच जारी है।

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