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सुकमा में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 16 नक्सलियों के शव बरामद

छतीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की खबर आ रही है. गोगुंडा की पहाड़ी पर उपमपल्ली में दोनों तरफ से लगातार फायरिंग हो रही है. डीआरजी और सीआरपीएफ के जवान नक्सलियों का सामना कर रहे हैं. 30 से 40 की संख्या में सशस्त्र वर्दीधारी नक्सलियों के होने की संभावना जताई गई है. मुठभेड़ में जवानों ने 16 नक्सलियों के शव बरामद किए हैं. मुठभेड़ में दो जवान को हल्की चोट आई हैं.

जिला सुकमा के थाना केरलापाल क्षेत्र में नक्सलियों के होने की सूचना पर 28 मार्च डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त पुलिस पार्टी नक्सल विरोधी सर्च अभियान में रवाना हुए थे. अभियान के दौरान आज शनिवार की सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के मुठभेड़ हो गई. गोलीबारी की आवाज से पूरा इलाका गूंज गया. इस बीच रूक-रूक कर मुठभेड़ होती रही. मुठभेड़ स्थल व आस-पास क्षेत्रों की सुरक्षा बलों द्वारा सघन सर्चिंग जारी है. मुठभेड़ में जवानों ने करीब 16 नक्सलियों के शव बरामद किए हैं. मुठभेड़ में दो जवान को मामूली चोट आई हैं. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है.

बीजापुर में मारे गए थे 30 नक्सली
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस पार्टी द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है. 20 मार्च को भी पुलिस की संयुक्त टीम का सामना नक्सलियों से हुआ था. मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली थी. गंगालूर पीएस लीमिट के पास बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा पर हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 30 नक्सलियों को ढेर किया था. बीजापुर पुलिस के मुताबिक, इलाके में करीब 45 नक्सली मौजूद थे, जिन्हें सुरक्षाबलों ने घेर लिया. तलाशी अभियान के दौरान उनके पास बड़ी संख्या में हथियार बरामद हुए थे. इस मुठभेड़ मेंबीजापुर DRG का एक जवान भी शहीद हुआ था.

अमित शाह ने कहा- 31 मार्च 2026 से पहले देश होगा नक्सलमुक्त
20 मार्च को नक्सलियों से हुई मुठभेड़ के बाद देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इसे नक्सलमुक्त भारत अभियान कहा. उन्होंने एक्स पर लिखा था,नक्सलमुक्त भारत अभियान की दिशा में आज हमारे जवानों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है. छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में हमारे सुरक्षा बलों के 2 अलग-अलग ऑपरेशन्स में 22 नक्सली मारे गए. मोदी सरकार नक्सलियों के विरुद्ध रुथलेस अप्रोच से आगे बढ़ रही है और समर्पण से लेकर समावेशन की तमाम सुविधाओं के बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है. अगले साल 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होने वाला है.

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