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सिर्फ पैकिंग देख समझ जाएंगे की दवा सस्ती या महंगी, नियमों में होने जा रहा बदलाव

नई दिल्ली: ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) दवाओं की पैकेजिंग और लेबलिंग से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करने की योजना बना रही है। डीजीसीआई के इस फैसले के बाद अब दवा की पैकेट पर लिखी एक्सपायरी डेट और अन्य जानकारियों को आप आसानी से पढ़ सकते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य मरीजों को दवाओं के बारे में स्पष्ट और सही जानकारी देना है, ताकि वे सही दवा सेलेक्ट कर सकें। वहीं, इन नए नियमों से जेनरिक और ब्रांडेड दवाओं में अंतर करना बेहद आसान हो जाएगा।

इस मामले की जानकारी देते हुए दो वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि डीजीसीआई की टीम इन नए नियमों पर काम कर रही है और जल्द ही इसे लागू किया जा सकता है। अधिकारियों के अनुसार, नियामक उपभोक्ताओं की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि दवाओं के पैकेजिंग पर काफी छोटे अक्षरों में जानकारी दी जाती है, चकमीले लेबल से उसे सही से पढ़ने में मुश्किल होता है। वहीं, जेनरिक और ब्रांडेड दवाओं में फर्क करना भी नामुकिन है। इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस बदलाव की ओर कदम उठाया गया है।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने प्रस्तावित नियमों की समीक्षा के लिए एक उप-समिति का गठन किया है, जो जल्द अपनी रिपोर्ट देगी। यह कमिटी दवाओं और कॉस्मेटिक नियम, 1945 में नए बदलाव को शामिल करने के तरीके भी देख रही है। यह बदलाव देश में मैन्युफैक्चर्ड, इंपोर्ट और बेची जाने वाले दवाओं की गुणवत्ता को कंट्रोल करता है।

बता दें कि मौजूदा समय में अक्सर ग्राहक ब्रांड के नाम से दवा मांगते हैं या मेडिकल स्टोर वाले खुद महंगी दवा दे देते हैं, जबकि बाजार में सस्ती जेनरिक दवाइयां भी उपलब्ध हैं। पैकेजिंग में अंतर नहीं दिखने से ग्राहक जानकारी के अभाव में महंगी दवा का कीमत चुकाने के लिए मजबूर होता है। खास निशान का प्रस्ताव इसी समस्या को दूर करने के लिए लाया जा जा रहा है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन बदलावों से दवा बाजार में पार्दर्शिता आएगी, ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा और वे अपनी जरूरत के हिसाब से सही दवा का चुनाव कर सकेंगे। ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारतीय दवा बाजार में मई 2025 में कुल 19,720 करोड़ रुपये की बिक्री हुई, जो पिछले साल की तुलना में 7.2 प्रतिशत अधिक है। इन आकंड़ों से यह स्पष्ट है कि दवाओं की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है और ऐसे में सही जानकारी मिलना ग्राहकों का अधिकार है।

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