छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री तो क्या कैबिनेट में बढ़ेगी ओबीसी मंत्रियों की संख्या

रायपुर. छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री बनने के साथ ही विष्णुदेव साय 13 दिसंबर को रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में केंद्र के कई बड़े नेता भी मौजूद रहेंगे। लेकिन मुख्यमंत्री के साथ-साथ क्या प्रदेश के मंत्री भी शपथ लेंगे इन प्रश्नों को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज है। लगातार मंत्रिमंडल के गठन को लेकर किस तरह के समीकरण होंगे उस पर कयास लगने शुरू हो गए हैं। मंत्रिमंडल के जातिगत आधार पर होगा या फिर वरिष्ठता के आधार पर यह सवाल भी अब उठने लगा है। लेकिन जिस तरह से आदिवासी समुदाय से मुख्यमंत्री बनाया गया है उसे लिहाज से यह माना जा रहा है कि अब राज्य कैबिनेट में ओबीसी को भी ज्यादा महत्व मिलने वाला है।
विष्णुदेव साय कैबिनेट में दो डिप्टी सीएम होंगे यह लगभग तय हो चुका है। छत्तीसगढ़ के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष व लोरमी विधायक अरुण साव और कवर्धा से विधायक विजय शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया जा रह है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री में जातिगत आधार पर देखा जाए तो आदिवासी समुदाय से मुख्यमंत्री, ओबीसी समुदाय और सामान्य वर्ग से उपमुख्यमंत्री का चयन हो चुका है। अरुण साव जोकि ओबीसी वर्ग और साहू समाज से आते हैं उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया है वहीं दूसरे उप मुख्यमंत्री के रूप में सामान्य वर्ग से आने वाले विजय शर्मा जो छत्तीसगढ़ में भाजपा के फायर ब्रांड हिंदुत्ववादी नेता हैं। इसके साथ ही अब कैबिनेट को लेकर भी चर्चा तेज है।
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने 90 में से 54 विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं जिनमें से ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी ने 21 नाम छांठ कर निकाला है यह कहा जा रहा है कि इनमें से कुछ ऐसे नाम है जो पहली बार विधायक बने हैं जिसमें से आठ एसटी, तीन एससी बाकी दस अन्य श्रेणी में आते हैं, जिनमें से चार औबीसी वर्ग से हैं। जी 21 नाम की चर्चा हो रही है उनमें कुछ ऐसे नाम है जो पहले भी प्रदेश के मंत्री रह चुके हैं। जिन में प्रमुख तौर पर डॉ रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, रामविचार नेताम, राजेश मूणत, लता उसेंडी,केदार कश्यप, वहीं नए नाम में ओपी चौधरी, रेणुका सिंह, अनुज शर्मा, रामकुमार टोप्पो, नीलकंठ टीकम जैसे नाम शामिल है। ऐसा माना जा रहा है कि लगभग इन्हीं नाम से छत्तीसगढ़ कैबिनेट में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बाद अन्य चेहरों को शामिल किया जाएगा।