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साल भर तक पढ़ाया गया सीबीएसई कोर्स, अब सीजी बोर्ड कराएगा परीक्षा; बच्चे परेशान

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने 26 नवंबर 2024 को राज्य में कक्षा 5वीं से 8वीं तक की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया था। इसके बाद 3 दिसंबर 2024 को स्कूल शिक्षा सचिव ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे। इस निर्णय के तहत अब शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्नपत्र छत्तीसगढ़ बोर्ड (सीजी बोर्ड) के पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार किए जाएंगे। जहां निजी स्कूलों में साल भर सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाई होती थी। बच्चे साल भर सीबीएसई कोर्स पढ़ते थे, वहीं अब इन छात्रों को सीजी बोर्ड के पैटर्न पर परीक्षा देनी होगी। इससे अभिभावकों में रोष है। साथ ही बच्चों का भविष्य भी खतरे में है।

डेढ़ महीने पहले से सीजी बोर्ड का कोर्स पढ़ा रहे

पिछले सत्र तक निजी स्कूल अपने छात्रों के लिए खुद ही पेपर तैयार करते थे, लेकिन अब यह प्रक्रिया केंद्रीकृत हो गई है। नए निर्णय के चलते निजी स्कूलों को अब सीजी बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुसार ही पढ़ाना होगा। पहले ज्यादातर निजी स्कूल सीजी बोर्ड से मान्यता होने के बावजूद अपना पाठ्यक्रम पढ़ाते थे। अब परीक्षा से डेढ़ महीने पहले ही बच्चों को सीजी बोर्ड का पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है, जिससे छात्र और अभिभावक काफी दबाव में हैं। इतना ही नहीं कई स्कूल सीबीएसई पैटर्न से पढ़ा रहे थे।

ज्यादातर स्कूल सीबीएसई पैटर्न से पढ़ा रहे हैं

रायपुर जिले में 899 निजी स्कूल हैं, जिनमें 50 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इनमें से 69 स्कूल सीबीएसई, 6 आईसीएसई और 824 स्कूल सीजी बोर्ड से संबद्ध हैं। नियमानुसार सीजी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों को सीजी बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुसार ही पढ़ाना चाहिए, लेकिन ज्यादातर स्कूल सीबीएसई पैटर्न पर ही पढ़ा रहे हैं।

अब अभिभावकों की चिंताएं बढ़ गई हैं

कुछ स्कूलों में परीक्षा से कुछ दिन पहले ही सीजी बोर्ड का पाठ्यक्रम पढ़ाना शुरू कर दिया गया है, जिस पर अभिभावकों ने आपत्ति जताई है। रायपुर के आरंग और शंकर नगर इलाके में कुछ अभिभावकों ने पाठ्यक्रम बदलने का आरोप लगाया और विरोध भी किया। इस मामले में स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है, तथा उनकी ओर से जवाब आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

स्कूलों को नहीं मिलेंगे मॉडल पेपर

निजी स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें विभाग से अभी तक मॉडल पेपर नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर परीक्षा के पेपर तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा पेपर और उत्तर पुस्तिकाओं की छपाई में भी समय लगेगा। स्कूल प्रबंधन को अभी तक पेपर नंबर और अन्य विवरण नहीं दिए गए हैं।

हाईकोर्ट में याचिका दायर

छत्तीसगढ़ निजी स्कूल प्रबंधन संघ ने कक्षा 5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षाओं के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उनका तर्क है कि स्कूलों को कक्षा 9वीं के बाद ही सीबीएसई से संबद्ध होने की अनुमति है, तथा उन्हें पहले से ही पता था कि वे सीजी बोर्ड से संबद्ध हैं।

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