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सरेंडर करोगे तो बेहतर जीवन, गोली चलाओगे तो…नक्सलियों को CM विष्णु देव साय का संदेश

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने रविवार को मुठभेड़ के दौरान 31 नक्सलियों को मार गिराया। मुठभेड़ के एक दिन बाद, राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने चल रहे अभियानों, वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) को समाप्त करने के लिए केंद्र की समय सीमा और फर्जी मुठभेड़ हत्याओं के आरोपों को लेकर एचटी से बात की। साय ने नक्सलियों से हथियार डालने का आग्रह किया, उन्होंने उनके पुनर्वास का वादा किया। हालांकि यह भी कहा कि गोली का जवाब गोली से दिया जाएगा।

– राज्य की सत्ता में आए हमें 13 महीने हो चुके हैं। हमने 13 दिसंबर 2023 को शपथ ली। उसके अगले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ आए थे। एक बैठक में मार्च 2026 तक पूरे देश से वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने की समय सीमा तय की गई। तब से गृह मंत्री नियमित रूप से छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे हैं। इन 13 महीनों में 157 मुठभेड़ हुई हैं, 305 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, 985 ने आत्मसमर्पण किया है और 1,157 को गिरफ्तार किया गया है। हमारी सेना ने अबूझमाड़ में प्रवेश कर लिया है, जहां सड़कें नहीं हैं – इसका सर्वे भी नहीं किया गया था। रविवार का नक्सल विरोधी अभियान अब तक का सबसे बड़ा अभियान है। जवानों का मनोबल हाई है। हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमारा मुख्य लक्ष्य सिर्फ नक्सलवाद को खत्म करना नहीं, बल्कि लोगों के लिए उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करना, शांति और विकास लाना है।

– छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ने विभिन्न राज्यों का दौरा किया और नीति में बेस्ट प्रैक्टिस को शामिल किया। सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और प्रभावित परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 15,000 घर बना रही है, ताकि उन्हें सुरक्षित और बेहतर जीवन स्तर मिल सके। आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों का पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जहां भी और जब भी शिविर खोले जाते हैं, ग्रामीणों को सभी सुविधाएं दी जाती हैं- चाहे वह बिजली हो, स्वास्थ्य सेवा हो या पानी हो। हम सेल फोन टावर लगा रहे हैं। अब तक 150 से अधिक सेल फोन टावर लगाए जा चुके हैं। सरकार आदिवासी छात्रों को शैक्षणिक रूप से भी सहायता कर रही है। सरकार ने अब हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू किया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ग्रामीण छात्र भाषा की बाध्याताओं के बिना चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर सकें।

– सीएम साय कहते हैं कि एक कहावत है – ‘गोली का जवाब गोली से और बोली का जवाब बोली से।’ अगर वे आत्मसमर्पण नहीं करना चाहते और गोली चलाते हैं, तो उन्हें जवाब भी गोली से ही मिलेगा। अगर वे आत्मसमर्पण करना चाहते हैं तो सरकार उनसे बात करेगी। उनका जीवन बेहतर होगा और हम उनका पुनर्वास करेंगे।

– यह विपक्ष और निहित स्वार्थ वाले लोगों का गढ़ा नैरेटिव है। जब एक ही मुठभेड़ में 29 लोग मारे गए थे, तब भी ऐसे आरोप लगाए गए थे। बाद में, माओवादियों ने खुद उन लोगों के नाम जारी किए जो सभी पूर्णकालिक कैडर थे। आप देखिए हर मुठभेड़ के बाद हमारे सुरक्षा बल किस तरह के हथियार बरामद कर रहे हैं। ये सब फर्जी नैरेटिव बनाने की कोशिश है। मुठभेड़ में मारे जाने वाले लोग हथियारबंद और वर्दीधारी नक्सली होते हैं।

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