छत्तीसगढ़प्रादेशिक समाचार

पीएमश्री योजना से जिले के 10 विद्यालयों की बदली तस्वीर

अम्बिकापुर. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पीएम श्री योजना के अंतर्गत शालाओं को चिन्हांकित कर मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में पीएमश्री योजना के माध्यम से शैक्षणिक अधोसंरचना एवं शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
योजनांतर्गत चयनित स्कूलों में पहले और अब में बड़ा परिवर्तन आया है, जिससे बच्चों में भी सुंदर वातावरण में पढ़ाई को लेकर नया उत्साह देखने को मिल रहा है। स्कूलों के रंग-रूप में बदलाव के साथ बच्चों के लिए सभी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। वहीं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही स्मार्ट क्लासरूम, विज्ञान और गणित के लिए अत्याधुनिक लैब्स, खेल सुविधाएं, और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। जिले में भी ऐसे 10 विद्यालय हैं, जिनका पीएमश्री योजनांतर्गत चयन किया गया है।

चौथी कक्षा में पढ़ने वाली संतोषी को पढ़ने में आता है अब दुगुना मज़ा
पीएमश्री प्राथमिक शाला नगरपालिका के चौथी कक्षा में पढ़ने वाली संतोषी गुप्ता बताती हैं कि पहले हम सब जमीन में चटाई में बैठकर पढ़ते थे अब बेंच मिल गया है, बहुत अच्छा लगता है। पीने के लिए साफ पानी मिल रहा है, अब शौचालय भी साफ-सुथरा रहता है। स्कूल में अब सबकुछ अच्छा हो गया है। शनिवार को हमें ड्राइंग सिखाया जाता है, उसके साथ ही नई-नई चीजें भी सिखने मिलती है। हमारी रुचि के अनुसार खेलकूद भी सिखाया जा रहा है। हम सब बहुत खुश हैं।

शिक्षा के साथ-साथ अन्य विधाओं का भी दिया जा रहा है प्रशिक्षण-
पीएमश्री प्राथमिक शाला नगरपालिका की प्रधानपाठिका श्रीमती प्रतिभा सिंह ने बताया कि पीएमश्री विद्यालय के रूप में घोषित होने के बाद विद्यालय में सुविधाओं का विस्तार हुआ है। बच्चों के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं, जो कमी थी, वो सब अब दूर हुई हैं। भवन के रंग-रोगन, साफ-सफाई के साथ अन्य कार्य किए गए हैं। व्यवस्था दुरुस्त होने से बच्चों की पढ़ाई के प्रति रूचि भी जगी है। बच्चों के इंटरेस्टेट के अनुसार अन्य एक्टीविटी भी होती है। शनिवार को खेल होता है, ड्रॉइंग, क्राफ्ट का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हमें बहुत खुशी है कि पीएमश्री विद्यालय होने से बच्चों को ये सब सुविधाएं मिल रहीं हैं।

पहले स्कूल जाने के लिए मनाना पड़ता था, अब खुद से सुबह-सुबह तैयार हो जाते हैं बच्चे-
अभिभावक अमृता सोनी कहती हैं कि उनके बच्चों का भविष्य अब अच्छा होगा। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे यहां कक्षा दूसरी और 6वीं में पढ़ते हैं, बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बहुत मनाना पड़ता था। लेकिन अब वे स्वयं सुबह उठकर तैयार हो जाते हैं, उनका मन पढ़ाई-लिखाई में लग गया है। क्योंकि पहले बच्चे दरी में बैठते थे, अब यहां बच्चों के लिए बेंच डेस्क की व्यवस्था है। व्यवस्थाओं के साथ ही शिक्षा के स्तर में भी वृद्धि हुई है, मैं रोजाना पढ़ाए गए विषयों के नोटबुक देखती हूं। यहां पेरेंट्स टीचर मीटिंग का भी आयोजन हो रहा है, जिससे कक्षा में बच्चों के प्रदर्शन, व्यवहार आदि के बारे में बताया जाता है। यह सब पीएमश्री योजना की वजह से ही हो पाया है, इसके लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देती हूं।

ये स्कूल हैं शामिल-
विकासखण्ड अम्बिकापुर में प्राथमिक शाला जुनापारा एवं प्राथमिक शाला नगरपालिका, विकासखण्ड बतौली में प्राथमिक शाला झरगंवा एवं स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बतौली, विकासखण्ड लखनपुर में प्राथमिक शाला लहपटरा एवं स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम विद्यालय लखनपुर, विकासखण्ड लुण्ड्रा में प्राथमिक शाला कर्रा, विकासखण्ड मैनपाट में प्राथमिक शाला हर्रामार, विकासखण्ड सीतापुर में प्राथमिक शाला गेरसा, विकासखण्ड उदयपुर में प्राथमिक शाला सलका शामिल है। यहां 2889 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button