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सऊदी से लौटते समय पाकिस्तानी हवाई सीमा में नहीं गया PM मोदी का विमान, इस रूट का किया इस्तेमाल

नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा को समय से पहले ही समाप्त कर दिया और भारत लौट आए। भारत लौटते समय पीएम मोदी के विमान ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री का विमान रियाद से लौटते वक्त पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से परहेज करते हुए एक वैकल्पिक मार्ग से दिल्ली पहुंचा।
गौरतलब है कि पीएम मोदी अपने दो दिवसीय सऊदी अरब दौरे के लिए मंगलवार को जेद्दा गए थे, जहां उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ रणनीतिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उनके विमान को सऊदी रॉयल वायु सेना के F-15 लड़ाकू विमानों ने सऊदी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने पर विशेष रूप से स्कॉट किया था। पीएम मोदी के सऊदी पहुंचने के कुछ ही देर बाद पहलगाम में आतंकी हमले की खबर आ गई।

अधिकारियों के अनुसार, आतंकवादियों ने मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थल पहलगाम में हमला किया जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि मारे गए लोगों में दो विदेशी नागरिक थे जिसमें एक संयुक्त अरब अमीरात से और एक नेपाल से था। इसके बाद पीएम मोदी ने अपना दौरा बीच में ही समाप्त कर भारत लौटने का फैसला किया।

जहां दिल्ली से जेद्दा (सऊदी अरब) जाते समय पीएम मोदी का विमान पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से होकर गुजरा था, लेकिन वापसी के दौरान यह मार्ग टाला गया। लौटते समय पीएम मोदी के विमान “एयर इंडिया वन” ने अरब सागर के ऊपर वाले रूट का इस्तेमाल किया। यह रूट पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से पूरी तरह बचता है और ओमान, यूएई, या सऊदी अरब जैसे मित्र देशों के हवाई क्षेत्र का उपयोग करता है, जो भारत के साथ अच्छे संबंध रखते हैं।

एयर ट्रैकिंग डाटा के मुताबिक, पीएम का विमान दिल्ली से सऊदी के लिए पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश करते हुए गुजरा था। सऊदी अरब, यूएई, कतर जैसे खाड़ी देशों या मध्य एशिया/यूरोप की यात्रा के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र सबसे सीधा और सबसे छोटा रास्ता प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, दिल्ली से जेद्दा तक की उड़ान में पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उपयोग करने से उड़ान का समय और ईंधन खपत कम होती है। वैकल्पिक रास्ते, जैसे अरब सागर के ऊपर से, लंबे और अधिक लागत वाले हो सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के नियमों के अनुसार, देशों को सामान्य परिस्थितियों में अन्य देशों के विमानों को अपने हवाई क्षेत्र से गुजरने की अनुमति देनी चाहिए, खासकर गैर-सैन्य और सरकारी उड़ानों के लिए। भारत और पाकिस्तान, दोनों ICAO के सदस्य हैं, और सामान्य परिस्थितियों में पाकिस्तान भारत के विशेष सरकारी विमानों (जैसे पीएम के विमान) को अनुमति देता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद, दोनों देश अक्सर एक-दूसरे के सरकारी विमानों को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देते हैं, खासकर उच्च-स्तरीय यात्राओं (जैसे पीएम या राष्ट्रपति की यात्रा) के लिए। यह कूटनीतिक प्रोटोकॉल का हिस्सा है। उदाहरण के लिए, 22 अप्रैल 2025 को पीएम मोदी के जेद्दा जाते समय पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उपयोग किया गया था। लेकिन वापसी में ऐसा नहीं किया गया। पहलगाम हमले के मद्देनजर भारत ने सुरक्षा और कूटनीतिक कारणों से पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उपयोग टालने का निर्णय लिया है। हालांकि, इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

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