देश विदेश

संसद की सुरक्षा में सेंध मामला: साजिश के पीछे क्‍या थी मंशा…? आरोपियों का किया जाएगा साइकोलॉजिकल टेस्‍ट

नई दिल्‍ली : संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोपियों की मंशा क्‍या थी…? इस घटना के पीछे कहीं कोई साजिश तो नहीं, इसका पता लगाने के पुलिस अब आरोपियों का साइकोलॉजिकल टेस्‍ट करा रही है. साइकोलॉजिकल टेस्‍ट से उनके व्यवहार का मूल्यांकन किया जाएगा. इससे धुएं की घटना के पीछे उनके इरादे और उद्देश्यों का पता लगाने में मदद मिलेगी. छह आरोपियों में से एक को कल परीक्षण के लिए फोरेंसिक लैब ले जाया गया. अन्य लोग भी एक-एक कर परीक्षण से गुजरेंगे.

साइकोलॉजिकल टेस्‍ट का अर्थ है मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन, जो विचाराधीन कैदियों की आदतों, दिनचर्या और व्यवहार को समझने के लिए किया जाता है. परीक्षणों में प्रश्न-उत्तर प्रारूप होता है और मनोचिकित्सकों द्वारा आयोजित किया जाता है. आरोपी द्वारा दिए गए जवाबों के आधार पर मनोचिकित्सक और जांचकर्ता अपराध करने के पीछे के उद्देश्य का पता लगाने की कोशिश करते हैं.
इस परीक्षण में लगभग तीन घंटे लगते हैं और केंद्रीय जांच ब्यूरो की फोरेंसिक लैब और एफएसएल रोहिणी में आयोजित किया जाता है. दिल्ली पुलिस द्वारा हाल ही में जिन मामलों में आरोपियों का मनोविश्लेषण किया गया उनमें श्रद्धा वाकर हत्याकांड और शाहबाद डेयरी हत्याकांड शामिल हैं. पिछले सप्ताह संसद में धुआं उड़ाने की घटना के सिलसिले में अब तक कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि उनका उद्देश्य मणिपुर अशांति, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करना था. हालांकि, पुलिस ने कहा है कि वे सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं.

13 दिसंबर को संसद परिसर से गिरफ्तार किए गए मुख्य चार आरोपियों को कल 15 दिन की और पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. कथित मास्टरमाइंड ने एक दिन बाद आत्मसमर्पण कर दिया था.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button