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श्री विट्ठल-रुक्मिणी पूजा के लिए 28 जुलाई से ऑनलाइन पंजीकरण शुरु

श्री विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर समिति द्वारा श्री विट्ठल-रुक्मिणी माता की सभी प्रकार की पूजा, जिसमें दैनिक पूजा, पाद्य पूजा, तुलसी अर्चन पूजा, महानैवेद्य सहभागिता योजना शामिल है, भक्तों के लिए उपलब्ध कराई गई है। 1 अगस्त से 31 दिसंबर तक की अवधि के लिए पूजा का ऑनलाइन पंजीकरण 28 जुलाई को सुबह 11 बजे से शुरू होगा। मंदिर समिति के सह-अध्यक्ष गहिनीनाथ महाराज औसेकर ने भक्तों से इसका लाभ उठाने की अपील की है।

श्री विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर समिति की 15 जून को सह-अध्यक्ष गहिनीनाथ महाराज औसेकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके लिए एक कंप्यूटर प्रणाली विकसित की गई है। भक्त मंदिर समिति की आधिकारिक वेबसाइट https://www.vitthalrukminimandir.org पर जाकर पूजा के लिए पंजीकरण करा सकेंगे।

1 अगस्त से 31 दिसंबर तक पूजा का पंजीकरण होगा

इससे पहले, पहले चरण में 7 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2024 तक, दूसरे चरण में 1 जनवरी से 31 मार्च 2025 तक और तीसरे चरण में 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक, श्री विट्ठल-रुक्मिणी की दैनिक पूजा, तुलसी अर्चन पूजा और पाद्य पूजा भक्तों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के लिए उपलब्ध कराई गई थी। इसमें महाराष्ट्र राज्य के विभिन्न हिस्सों और देश भर से भक्तों ने पूजा के लिए पंजीकरण कराया था। इसे भक्तों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।

पंजीकरण के लिए सहायता प्रदान

अब चौथे चरण में 1 अगस्त से 31 दिसंबर तक त्योहारों, उत्सवों और भीड़भाड़ वाले दिनों को छोड़कर अन्य दिनों में श्री विठ्ठल-रुक्मिणी की दैनिक पूजा और पाद्य पूजा के साथ-साथ 1 से 31 अगस्त तक तुलसी अर्चन पूजा और महानैवेद्य सहभागिता योजना भक्तों को ऑनलाइन पंजीकरण के लिए उपलब्ध कराई जा रही है। यदि ऑनलाइन पंजीकरण में कोई समस्या है, तो मंदिर समिति के नित्योपचार कार्यालय से पंजीकरण करने में सहायता प्रदान की जाएगी।

तीसरे पक्ष से संपर्क न करने की अपील

इस संबंध में अधिक जानकारी, नियम और शर्तें मंदिर समिति की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। साथ ही, भक्तों को अधिक जानकारी के लिए मंदिर समिति से 02186 -299299 पर संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा, पूजा की बुकिंग केवल मंदिर समिति की आधिकारिक वेबसाइट से ही की जानी चाहिए। कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र शेलके ने किसी भी तीसरे पक्ष से संपर्क न करने की अपील की है।

पूजा के लिए दान राशि यह होगी

श्री विट्ठल की दैनिक पूजा के लिए 25,000 रुपए और श्री रुक्मिणी माता की दैनिक पूजा के लिए 11,000 रुपए, साथ ही पाद्य पूजा के लिए 5,000 रुपए, तुलसी अर्चन पूजा के लिए 2100 रुपए और महानैवेद्य सहभागिता योजना के लिए 7,000रुपए।

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