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शुभ संयोगों के साथ शुरू होगी नवरात्रि, हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, 9 दिन रहेगा शुभ मुहूर्त

नवरात्रि का आरंभ आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।

नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है। घट स्थापना अथवा कलश स्थापना की बात करें तो शास्त्रों में नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना का बड़ी ही महत्व बताया गया है। इससे विघ्नों का नाश होता है और घर में शुभ मंगल का आगमन होता है। इसलिए घट स्थापना अथवा कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त जान कर शुभ समय में नवरात्रि में शांति कलश की स्थापना करें। घटस्थापना और देवी पूजा प्रात: काल करने का विधान हैं। लेकिन चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग में कलश स्थापना वर्जित है।

पंचांग के अनुसार, 15 अक्टूबर, रविवार, चित्रा नक्षत्र सायं 6:12 मिनट तक है और वैधृति योग सुबह 10:24 मिनट तक रहेगा। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में जब चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग और चित्रा नक्षत्र के दो चरण व्यतीत हो चुके हैं तो घटस्थापना की जा सकती है। रविवार को प्रात: काल में चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग के दो दो चरण संपूर्ण हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में घटस्थापना प्रातः काल भी कर सकते हैं। साथ ही अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना की जा सकती है। 15 अक्तूबर को अभिजीत मुहूर्त 11:31 मिनट से लेकर 12:17 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप घटस्थापना कर सकते हैं। इस बार नवरात्रि का हर दिन शुभ रहेगा। 15 अक्टूबर के ग्रह-नक्षत्र हर्ष, शंख, भद्र, पर्वत, शुभकर्तरी, उभयचरी, सुमुख, गजकेसरी और पद्म नाम के योग बना रहे हैं।

वहीं, 23 तारीख तक चलने वाले शक्ति पर्व में पद्म, बुधादित्य, प्रीति और आयुष्मान योग के साथ ही 3 सर्वार्थसिद्धि, 3 रवियोग और 1 त्रिपुष्कर योग रहेगा। नवरात्रि पर्व बंगाल और गुजरात में काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। गुजरात में इन दोनों गरबा डांस का आयोजन होता है। पंडालों को खूब सजाया जाता है। पूरे 9 दिन गुजरात में धार्मिक माहौल दिखाई देता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार मां दुर्गा हाथी पर ढेर सारी खुशियां लेकर आती हैं–

ज्योतिषाचार्य के अनुसार नवरात्रि में जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं तो ये बेहद शुभ माना जाता है । हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा अपने साथ ढेर सारी खुशियां और सुख-समृद्धि लेकर आती हैं। मां का वाहन हाथी ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक है। इससे देश में आर्थिक समृद्धि आएगी। साथ ही ज्ञान की वृद्धि होगी हाथी को शुभ का प्रतीक माना गया है। हाथी का संबंध विघ्नहर्ता गणेश और देवी महालक्ष्मी से भी है। ऐसे में आने वाला यह साल बहुत ही शुभ कार्य होगा। लोगों के बिगड़े काम बनेंगे। इस कारण इन दिनों की गई खरीदारी शुभ होगी और निवेश लंबे समय तक फायदा देने वाला रहेगा।

माता रानी की पूजा अर्चना करने वाले भक्तों पर विशेष कृपा बरसेगी। इन दिनों में प्रॉपर्टी खरीदने से लेकर नया बिजनेस शुरू करने तक हर मुहूर्त रहेगा। इन दिनों में सिर्फ पूजा-पाठ ही नहीं होती, नई शुरुआत और खरीदारी के लिए भी ये दिन बहुत शुभ होते हैं। प्रथम दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नौंवे दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा होगी। वहीं नवरात्र में सोना- चांदी, गाड़ी खरीदना शुभ होता है।

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