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वैश्विक परिदृश्य में आदिवासी महिलाओं की स्थिति पर होगा मंथन

रायपुर । छत्तीसगढ़ समाजशास्त्रीय एसोसिएशन द्वारा अपने पहले वार्षिक सम्मेलन की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। यह प्रथम वार्षिक सम्मेलन वैश्विक परिदृश्य में आदिवासी महिलाओं की स्थिति विषय पर आयोजित किया जा रहा है जिसमें मेजबान छत्तीसगढ़ सहित देशभर के विद्वान, शोधार्थी, प्राध्यापकगण शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। यह जानकारी छत्तीसगढ़ समाजशास्त्रीय एसोसिएशन (सीजीएसए) की अध्यक्ष प्रो. प्रीति शर्मा और सचिव प्रो. एल.एस. गजपाल ने दी। उन्होंने बताया कि आदिवासी महिलाओं का सशक्तिकरण पूरी दुनिया के देशों के विकास की प्रक्रिया में केंद्रीय मुद्दा है। आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से 28 और 29 जून 2024 को सीजीएसए अपना पहला वार्षिक सम्मेलन उक्त विषय़ पर आयोजित कर रहा है। इस सम्मेलन में छत्तीसग़ढ़ राज्य की जनजातियाँ, वैश्विक समाज में महिलाओं की बदलती स्थिति, आदिवासी महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, आदिवासी महिलाओं पर वैश्वीकरण का प्रभाव, आदिवासी महिलाओं के मुददे और चुनौतियाँ, बहुसांस्कृतिकवाद और आदिवासी महिलाएँ, आदिवासी महिलाओं के लिए कल्याणकारी कार्यक्रम जैसे विषयों पर भी शोध पत्र प्रस्तुत किये जाएंगे तथा विषय विशेषज्ञ अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। इस आयोजन की सफलता के लिए आयोजन समिति का भी गठन किया गया है जिसके संरक्षक प्रो. सच्चिदानंद शुक्ल (कुलपति पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय), संयोजक प्रो. प्रीति शर्मा (अध्यक्ष सीजीएसए), सह संयोजक प्रो. सुचित्रा शर्मा (उपाध्यक्ष सीजीएसए), आयोजन सचिव प्रो. एल.एस. गजपाल (सचिव सीजीएसए), सह आयोजन सचिव प्रो. सोनिता सत्संगी (कोषाध्यक्ष सीजीएसए), संयुक्त सचिव हर्ष पाण्डे, सुशील गुप्ता, कार्यकारिणी सदस्य प्रो. श्रद्धा गिरोलकर, डॉ.  पुष्पा तिवारी, प्रो. आभा त्रिपाठी, प्रो. मनीषा महापात्र, प्रो. प्रीति मिश्रा, प्रो. तारा शर्मा, प्रो. मंजू झा, प्रो. साधना खरे, डॉ. अमरनाथ शर्मा, डॉ.. हेमलता बोरकर, डॉ.. नीता बाजपेयी शामिल हैं।

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