देश विदेश

लोकसभा की एथिक्स कमेटी की पहली बैठक आज

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा कैश कांड मामले को लेकर आज लोकसभा की एथिक्स कमेटी पहली बैठक होने जा रही है. जानकारी के मुताबिक ये बैठक 12 बजे होने जा रही है. लोकसभा की एथिक्स कमेटी तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर ‘पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने’ के आरोपों पर अपनी पहली बैठक में शिकायतकर्ता भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई अपने बयान दर्ज करा सकते हैं.
बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने किया ट्वीट

बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से की गयी शिकायत में देहाद्रई द्वारा साझा किये गये दस्तावेजों का उल्लेख किया था. बिरला ने मामले को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति को भेजा था. निशिकांत दुबे ने कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अदाणी ग्रुप और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे सबूत शेयर किए हैं, जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता.

निशिकांत दुबे महुआ मोइत्रा पर पहले भी कस चुके हैं तंज

बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर तंज कस चुके हैं. उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी किया है. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि सवाल संसद की गरिमा,भारत की सुरक्षा व कथित सांसद की ,proprietary, corruption and criminality का है,जबाब देना है कि दुबई में NIC मेल खुला की नहीं? पैसे के बदले प्रश्न पूछे कि नहीं? विदेश जाने आने के खर्च किसने उठाए? कभी @loksabhaspeaker व @MEAIndia से विदेश जाने का permission लिया या नहीं? सवाल अडानी ,डिग्री या चोरी का नहीं,देश को गुमराह कर आपके भ्रष्टाचार का है.

अमित मालवीय ने भी महुआ पर साधा था निशाना

कुछ समय पहले ही पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित मालवीय ने भी महुआ मोइत्रा को लेकर एक्स पर एक पोस्ट साझा किया था. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को छोड़ दिया है. वह अभिषेक बनर्जी के अलावा किसी और का बचाव नहीं करेंगी, जो कम अपराधी नहीं हैं… कई टीएमसी नेता गंभीर भ्रष्टाचार और आपराधिक आरोपों में जेल में हैं, लेकिन ममता बनर्जी ने चुप्पी साध रखी है.

महुआ मोइत्रा ने दिया था ये जवाब

कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के हलफनामा के बाद महुआ मोइत्रा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर जवाब भी दिया था. उन्होंने कहा था कि हीरानंदानी पर दबाव डालकर ये एफिडेविट बनवाया गया है. महुआ मोइत्रा ने लिखा था कि प्रधानमंत्री कार्यालय के कहने पर हीरानंदानी का ये एफिडेविट तैयार कराया गया है. साथ ही महुआ ने कहा था कि एक सादे कागज पर लिखवाकर हीरानंदानी से हस्ताक्षर कराया गया. हीरानंदानी CBI, किसी जांच एजेंसी या संसदीय आचार समिति से तलब नहीं किए गए. ये हलफ़नामा मीडिया के एक गिने-चुने वर्ग को लीक किया गया.”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button