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कब है अक्षय तृतीया? पूरे दिन रहेगा अबूझ मुहूर्त, जानें तारीख, आखा तीज का महत्व

अक्षय तृतीया हिंदू कैलेंडर के दूसरे माह वैशाख के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को होती है. अक्षय तृतीया को आखा तीज भी कहा जाता है. अक्षय तृतीया को पूरे दिन अबूझ मुहूर्त होता है, जिसमें आप सभी मांगलिक कार्य कर सकते हैं. उसके लिए आपको कोई शुभ मुहूर्त या फिर पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती है. इस वजह से लोगों को अक्षय तृतीया की बेसब्री से प्रतीक्षा रहती है.

अक्षय तृतीया के अवसर पर आप माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उनकी कृपा पाने के लिए कई उपाय करते हैं, ताकि आपको धन और वैभव की प्राप्ति का आशीर्वाद मिल सके. अक्षय तृतीया पर आप जो धन, वैभव, ज्ञान, पुण्य आदि अर्पित करते हैं, उसमें कोई कमी नहीं होती है. आइए जानते हैं कि अक्षय तृतीया कब है? अक्षय तृतीया पर पूजा का मुहूर्त क्या है? अक्षय तृतीया पर क्या करना चाहिए?

अक्षय तृतीया का अर्थ क्या है?
श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी कहते हैं कि अक्षय तृतीया का अर्थ है कि व​ह तृतीया तिथि, जिसका कभी क्षय न हो. कहने का मतलब यह है कि आप अक्षय तृतीया के दिन जो भी शुभ कार्य करेंगे, उससे मिलने वाला पुण्य लाभ हमेशा आपके साथ रहेगा. इस वजह से उस दिन हमेशा अच्छे कार्य करने चाहिए. गलत कार्यों के जरिए अर्जित पाप भी आपके साथ अक्षय ही रहेगा.
अक्षय तृतीया 2024 कब है?
वैदिक पंचांग के आधार पर देखा जाए तो इस साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 मई शुक्रवार को प्रात: 04 बजकर 17 मिनट से प्रारंभ होगी. यह तिथि 11 मई शनिवार को 02:50 एएम तक मान्य होगी. उदयातिथि के आधार पर अक्षय तृतीया 10 मई शुक्रवार को मनाई जाएगी. यह अक्षय तृतीया की सही तारीख है.

अक्षय तृतीया 2024 पूजा मुहूर्त क्या है?
10 मई को अक्षय तृतीया के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 05 बजकर 33 मिनट से प्रारंभ है और दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है. उस दिन पूजा के लिए शुभ समय की अवधि 6 घंटे 44 मिनट तक है.
अक्षय तृतीया पर क्या करें?
1. अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इससे परिवार में सुख, समृद्धि, धन, वैभव बढ़ता है और अक्षय रहता है.

2. अक्षय तृतीया के अवसर सोना, चांदी, आभूषण आदि की खरीदारी कर सकते हैं.

3. अक्षय तृतीया वाले दिन मकान, प्लॉट, जमीन, फ्लैट, वाहन आदि की खरीदारी कर सकते हैं.

4. अक्षय तृतीया पर विवाह और सगाई कर सकते हैं.

5. इनके अलावा अक्षय तृतीया पर गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, नई नौकरी या नए काम की शुरूआत भी कर सकते हैं.
अक्षय तृतीया का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन स्नान और दान करने का विधान है. इससे आपके अर्जित पुण्य आपके साथ हमेशा बने रहते हैं. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा हो गई तो वह जीवनभर आप पर रहेगी. आपकी अर्जित धन-सं​पत्ति का ह्रास नहीं होगा.

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