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रायपुर का बहुचर्चित और वर्षों से अधूरा पड़ा स्काईवॉक प्रोजेक्ट एक बार फिर सियासत

रायपुर। राजधानी रायपुर का बहुचर्चित और वर्षों से अधूरा पड़ा स्काईवॉक प्रोजेक्ट एक बार फिर सियासत के केंद्र में आ गया है। करीब 8 सालों से रुका यह फुट ओवर ब्रिज अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के कार्यकाल में दोबारा शुरू किया जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और निर्माण कार्य जल्द शुरू होने वाला है। लेकिन इसके साथ ही भाजपा और कांग्रेस के बीच इस प्रोजेक्ट को लेकर तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है। कांग्रेस इसे जनता के पैसे की बर्बादी और भ्रष्टाचार का माध्यम करार दे रही है। वहीं बीजेपी का कहना है कि अधूरे विकास कार्य को पूरा किया जा रहा है, कांग्रेस कार्यकाल में राजनीति के उद्देश्य से स्काईवॉक के काम को रोका गया था।
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने पलटवार करते हुए कहा कि स्काईवॉक बनाने का कोई फायदा नहीं। यह केवल लूटमार और अपराध का अड्डा बनेगा। केवल भ्रष्टाचार करने के लिए इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू किया जा रहा है। ट्रैफिक कम करने के लिए लोग ओवरब्रिज बना रहे हैं, राजधानी में कौन इसका प्रयोग करेगा? इसी वजह से कांग्रेस ने इस योजना का काम रोका था।
डिप्टी सीएम और पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने कहा कि विकास को ध्यान में रखकर हमारी सरकार के समय स्काईवॉक की योजना बनी थी। बहुत बड़े पैमाने पर काम हो चुका था। कांग्रेस सरकार ने राजनीति के उद्देश्य से स्काईवॉक के काम को रोका। सरकार के खजाने से जो काम हो चुका था, उसे रोकने का काम कांग्रेस ने किया। उनकी कमेटी ने भी रिपोर्ट दी थी कि स्काईवॉक बनना चाहिए। अंततः टेंडर की मंजूरी हो चुकी है, अब आगे उस काम को पूरा करेंगे।
स्काईवॉक के निर्माण को लेकर बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार 5 साल में कोई निर्णय नहीं ले पाई। बीजेपी की सरकार ने इसे पूरा करने का निर्णय लिया है। स्काईवॉक पूरा होना चाहिए, इसका सदुपयोग होना चाहिए। जब यह पूरा नहीं हुआ है, तब इस पर शंका-कुशंका जाहिर करना उचित नहीं है। स्काईवॉक में जो पैसे खर्च हुए हैं, उसका लाभ जनता को मिलना चाहिए।

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