छत्तीसगढ़ में नए सत्र के लिए नई सरकार तय करेगी बिजली की कीमत

रायपुर. छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से भाजपा की सरकार काबिज हाे गई है। राज्य पॉवर वितरण कंपनी नए सत्र 2024-25 के लिए बिजली नियामक आयोग को लेखा-जोखा भेजने की कवायद में जुट गई है। पिछला घाटा तीन हजार करोड़ के करीब है। ऐसे में पॉवर कंपनी की मंशा बिजली की कीमत बढ़ाने की है, लेकिन अगले साल लोकसभा के चुनाव के कारण नई सरकार तय करेगी क्या करना है। संभावना इस बात की है कि कम से कम अगले साल महंगी बिजली का झटका नहीं लगेगा। हमेशा से विधानसभा और लोकसभा के चुनावी साल में बिजली की कीमत नहीं बढ़ी है।
बिजली नियामक आयोग को राज्य पॉवर वितरण कंपनी अपनी तरफ से साल भर का लेखा-जोखा बनाकर दिसंबर में भेजती है। नए सत्र के लिए लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है। इसमें जहां पुराना तीन हजार करोड़ का घाटा जाएगा, वहीं 2022-23 के सत्र का भी हिसाब जाएगा। कंपनी को इस सत्र में पूरा राजस्व मिला या नहीं। इस सत्र के अंतर की राशि का भी हिसाब जाएगा। जिसमें मालूम होगा कि कंपनी को इस सत्र में कितना राजस्व कम मिला है। ऐसे में कंपनी अपना घाटा बताएगी कि उसका कुल घाटा कितना है। इसके हिसाब से नियामक आयोग टैरिफ तय करेगा।
सरकार तय करेगी
प्रदेश में अब एक बार फिर से भाजपा की सरकार आ गई है। ऐसे में नई सरकार के गठन के बाद सरकार तय करेगी कि नए सत्र में बिजली की कीमत बढ़ेगी या नहीं। सरकार के निर्देश के हिसाब से ही पॉवर कंपनी अपना लेखा-जोखा भेजगी। जिस तरह से इस साल के लेखा-जोखा में तीन हजार करोड़ का घाटा बताने के बाद भी कंपनी ने कीमत न बढ़ाने का भी बात रखी थी, ठीक उसी तरह से नए सत्र के लिए भी हो सकता है।