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राजधानी में मीडिया कर्मियों ने किया बड़ा खुलासा,टैंकर से पेट्रोल डीजल की चोरी करते रंगे हाथ पकड़ा गया कबाड़ी

बड़ा सवाल,राजधानी रायपुर में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि कवरेज करने गए मीडिया कर्मियों के साथ साथ महिला पत्रकार के साथ बदसलूकी की गई, वहीं सीलतरा चौकी प्रभारी की भी भूमिका संदिग्ध नजर आई आप को बता दें मीडिया कर्मियों को काफी दिनों से जानकारी मिल रही थी कि राजधानी के धनेली स्थित रिंग रोड में कबाड़ी करोबारी उमेश साह के ठिकाने पर,लोहे के अवैध कारोबार होतें हैं,जिसे लेकर मीडिया कर्मियों ने कबाड़ी उमेश साह के धनेली स्थित कबाड़ गोदाम पर छापेमारी की गई तो वहां का नजारा ही कुछ और मिला, वहां टैंकर से पेट्रोल और डीजल निकाला जा रहा था,आप वीडियो में साफ साफ देख सकतें हैं कैसे टैंकर से चोरी होता है,
एक टैंकर से पेट्रोल डीजल निकल ही रहा था कि दूसरा टैंकर भी आ गया जिसे कबाड़ियों ने जानकारी देकर भगा दिया जिसका वीडियो भी मीडिया कर्मियों ने बना लिया,
इतना ही नहीं कबाड़ी के दुकान पे हजारों कुंतल अवैध लोहा,पीडीएस चावल के कई बोरे गोदाम में, पड़े मिले आप को बता दें,वही पीडीएस चावल गरीबों के लिए सरकार की तरफ से बांटा जाता है,एक गरीब इंसान को 5 किलो चावल लेने के लिए घंटों लाइन लगाकर फिंगर प्रिंट के जरिए मशक्कत करनी पड़ती हैं, वहीं कबाड़ी के गोदाम में कई बोरे पीडीएस का सरकारी चावल पड़ा मिला,
मिडिया कर्मियों ने कवरेज के दौरान 112 को काल किया गया, लेकिन 112नहीं आई,अपने बचाव के लिए कबाड़ियों द्वारा पुलिस को फोन किया गया सिलतरा चौकी से तुरंत दो पुलिस वाले पहुंच गए, वहीं पुलिस कर्मियों को देखते ही कबाड़ियों के हौसले बढ़ गए और महिला पत्रकार सहित मीडिया कर्मियों से बदसलूकी करने लगे आप अंदाजा लगा सकतें हैं कि अपराधियों को संरक्षण कौन दे रहा है,

इतना ही नहीं मीडिया कर्मियों ने रात 1बजे तक पुलिस के आला अधिकारियों से फोन करके जिम्मेदारों से संपर्क साधना चाहा लेकिन किसी से संपर्क नहीं हो पाया,किसी भी अधिकारी ने फोन उठाना अपनी जिम्मेदारी नहीं समझा,उसके बाद मीडिया कर्मियों ने सिलतरा चौकी पहुंचकर आवेदन दिया और दोषियों पर कार्यवाही की मांग करने लगे चौकी प्रभारी को मीडिया कर्मियों द्वारा रात एक बजे तक कई बार फोन लगाया गया लेकिन चौकी प्रभारी द्वारा फोन नहीं उठाया गया,वही चौकी प्रभारी का फोन बिजी बिजी बता रहा था लेकिन चौकी प्रभारी द्वारा किसी भी मीडिया कर्मियों का फोन उठाना अपनी जिम्मेदारी नहीं समझा गया,
चौकी पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा खाना पूर्ति करने के नाम पर टैंकर के ड्राइवर और टैंकर को हिरासत में लेकर मामले की खाना पूर्ति कर दी गई , लेकिन सवाल ये उठता है कि टैंकर से जहां पेट्रोल डीजल निकल रहा था, कबाड़ियों के गोदाम में जहां हजारों क्विंटल अवैध लोहा था, सरकारी पीडीएस के चावल पड़े थे उन कबाड़ियों पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही करना उचित नहीं समझा गया,
सवाल ये उठता है इतना बड़ा खेल राजधानी में चल रहा है,बिना शासन प्रशासन की संलिप्तता के यह कैसे संभव हो सकता है,एक तरफ सरकार सुशासन की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ राजधानी में पुलिस का ये रवैया देखने को मिला,

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