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यदि नक्सली वार्ता को लेकर गंभीर हैं, तो उन्हें अपनी ओर से बनानी चाहिए समिति, लेकिन हिंसा और खूनखराबे पर कोई समझौता नहीं होगा – उपमुख्यमंत्री शर्मा

रायपुर। उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि यदि नक्सली वार्ता को लेकर गंभीर हैं तो उन्हें अपनी ओर से वार्ता के लिए समिति बनानी चाहिए। अब यदि वे बातचीत करना चाहते हैं, तो उन्हें स्पष्ट प्रस्ताव के साथ आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि बातचीत के दरवाजे खुले हैं, लेकिन हिंसा और खूनखराबे पर कोई समझौता नहीं होगा। नक्सलियों को हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करना होगा, तभी कोई सार्थक समाधान संभव है।
गृह मंत्री शर्मा ने कहा कि वार्ता का स्वरूप आईएसआईएस जैसी किसी कट्टरपंथी विचारधारा की तर्ज पर नहीं हो सकता। यदि कोई चर्चा करना चाहता है, तो उसे भारतीय संविधान की मान्यता स्वीकार करनी होगी। अगर संविधान को नकारते हैं और समानांतर व्यवस्था थोपने की कोशिश करते हैं, तो वार्ता का कोई औचित्य नहीं रहता। उन्होंने यह भी दोहराया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अब तक की सबसे बेहतर पुनर्वास नीति लागू की है जो भी नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उन्हें इस नीति के तहत सुरक्षा, पुनर्वास और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। सरकार चाहती है कि जो लोग भटके हुए हैं, वे समाज में वापस आएं और एक व्यवस्थित जीवन जीएं। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बीते 1 से डेढ़ वर्षों में 40 गांवों में पहली बार तिरंगा फहराया गया है, जहां पहले तक नक्सली कानून थोपने की कोशिश करते थे। उन्होंने कहा कि अब राज्य के सभी गांवों में तिरंगा लहराना और भारतीय संविधान का पालन करना अनिवार्य है।

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