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मोवा स्थित 100 करोड़ की बेशकीमती जमीनों के फर्जीवाड़े में आया रिटायर्ड जज का नाम ।पीड़िता ने लगाए गंभीर आरोप

मोवा की बेशकीमती जमीनों को फर्जी तरीके से अपने नाम कर बेच देने के मामले में धमतरी निवासी विधवा बुशरा शरीफ की रिपोर्ट पर 420,67,68,71 के तहत अपराध दर्ज होने के बाद से आरोपीगण आयशा सिद्दीकी आशीष शिंदे उर्फ रवि चोरहा,नूर बेगम और दादुन शाह फरार चल रहे हैं पुलिस इनकी तलाश में हर संभावित ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है।वहीं अब पीड़िता बुशरा शरीफ ने इस मामले में ईडी को शिकायत करने की बात कही है।बुशरा शरीफ ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक रिटायर्ड जज सहित के के श्रीवास्तव और आशीष शिंदे की शह पर उसके ससुराल पक्ष वालो ने उसके साथ धोखाधड़ी को ना सिर्फ अंजाम दिया है बल्कि के के के साथ मिलकर अरबों रुपयों की बेनामी संपति खरीदने में यह पूरा परिवार इंवॉल्व था।बुशरा के अनुसार

कांग्रेस सरकार में अरबों रुपयों का घोटाला करने वाले के के श्रीवास्तव की बेनामी संपत्तियां आशीष शिंदे उसके ड्राइवर नवीश देवकर बहन पूजा गायकवाड़ के नाम रायपुर से बिलासपुर तक फैली हुई हैं। ईडी के भय से इन सभी जमीनों को आनन फानन में बेचने का प्रयास किया जा रहा है।

बुशरा शरीफ ने इस मामले में सनसनीखेज आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायधीश जो कि राज्य वक्फ बोर्ड के निवृतमान अध्यक्ष भी रहे हैं के बारे में आरोपियों को हर प्रकार का संरक्षण देने का आरोप लगाया है।उक्त न्यायधीश खान परिवार के करीबी रिश्तेदार बताए जाते हैं।

बुशरा शरीफ ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार में प्रशासनिक ही नही न्यायिक मामले में भी इस परिवार की तूती बोला करती थी और ये किसी को भी फर्जी मामले बनाकर न सिर्फ जेल भेजने में सक्षम थे बल्की ऐसे लोगों की जमानत नही होने देने का भी दावा किया करते थे।

ऐसे ही एक मामले का उल्लेख करते हुए बुशरा शरीफ ने एक बिल्डर का उल्लेख करते हुए कहा कि बिल्डर को परिवार के एक वृद्ध सदस्य की जमीन खरीदने के दंडस्वरूप झूठे मामले में निरुद्ध कर जेल भेज दिया गया और पूरे पांच साल तक उसकी जमानत निरस्त की जाती रही।बदले में मांग की जाती रही की जमीनें वापस कर दी जाए।

बुशरा के अनुसार फिलहाल इन जमीनों में अब राज्य के एक ताकतवर पूर्व मंत्री के भाई को लगाया गया है जो कि चर्चित भूमाफिया भी है और नई राजधानी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट जिसमें की के के श्रीवास्तव ने दिल्ली के व्यापारी से 15 करोड़ की ठगी की है यह पूरा 500 करोड़ का ठेका मंत्री के इसी भाई को मिला था।

मंत्री के भाई की के के श्रीवास्तव के साथ सांठगांठ नही होती तो दिल्ली के व्यापारी को प्रोजेक्ट बताकर ठगी हो ही नही सकती थी।

मंत्री का भाई के के श्रीवास्तव आशीष शिंदे आयशा सिद्दीकी और रिटायर्ड जज ये सभी एक समूह के तौर पर काम करते रहे और रिटायर्ड जज को इस गिरोह से नजदीकी का लाभ वक्फ बोर्ड अध्यक्ष बनाकर दिया गया

इस हाईप्रोफाइल मामले में सभी आरोपी फिलहाल फरार है और बुशरा शरीफ के अनुसार बिलासपुर में रिटायर्ड जज के घर पर छिपे हुए हैं।

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