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“मोर गांव-मोर पानी महाअभियान के तहत जल संरक्षण को लेकर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन”

सूरजपुर, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रारंभ किए गए “मोर गांव-मोर पानी महाअभियान” के अंतर्गत जल संरक्षण एवं आजीविका संवर्धन को लेकर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन कलेक्टर श्री एस जयवर्धन की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला में कृषि, पशु , मत्स्य, उद्यानिकी, जलसंसाधन, आर ई एस, पी एच ई सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तर के अधिकारियों , सभी जनपद सीईओ, जिला पंचायत के अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित ग्रामीण जनों ने भाग लेकर जल संकट से निपटने एवम जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपायों पर मंथन किया।

उल्लेखनीय है कि अभियान का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल संसाधनों का संरक्षण, पुनर्भरण और सतत उपयोग सुनिश्चित करना है। पारंपरिक जल स्रोतों के सूखने और भूजल स्तर में गिरावट जैसी समस्याओं को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में स्थल निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिले भर के नालों के जीर्णोद्धार, पर्यटन स्थलों पर जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा पारंपरिक जल संरचनाओं जैसे तालाब, डबरी और नालों के संरक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने मत्स्य विभाग को मछली बीज के साथ फलदार पौधों के वितरण तथा उद्यानिकी विभाग को महिला समूहों के माध्यम से फलदार वृक्षारोपण का कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।उद्यानिकी विभाग को निर्देशित करते हुए ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत महिला समूह द्वारा फलदार वृक्षों का रोपण करवाने के निर्देश दिए।

साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों को आम के पौधों की ग्राफ्टिंग की विधि सिखाकर उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और जल संरक्षण में भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। साथ ही स्व सहायता समूहों द्वारा रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए।

ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत जल संरक्षण की दिशा में महिला समूहों को विशेष भूमिका दी गई है। जल जीवन मिशन के तहत निर्मित पानी टंकियों के माध्यम से जल की सतत उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इस दौरान सूखे बोरवेल पुनः चालू करने, पर्कोलेशन टैंक एवं इंजेक्शन वेल तकनीक के माध्यम से भूजल रिचार्ज करने के भी निर्देश कलेक्टर द्वारा जिला और जनपद स्तरीय अधिकारियों को दिए गए हैं।

जिला पंचायत सीईओ श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू ने जल संरक्षण को लेकर जनजागरुकता पर महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने पारंपरिक जल संरक्षण पद्धतियों को सहेज कर हमारे लिए एक समृद्ध विरासत छोड़ी है। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया कि वे जन जागरूकता अभियान को सघन रूप में चलाएं और हर व्यक्ति को दैनिक जीवन में पानी बचाने की आदत विकसित करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने रेनवाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश भी दिए, जिससे भूजल स्तर में सुधार लाया जा सके।

उन्होंने जिले के सभी विभागों से अपील की कि वे श्रमदान के माध्यम से पौधारोपण करें और इस कार्य को एक जन आंदोलन का रूप दें। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े स्तर पर वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर और स्वच्छ वातावरण मिल सके।

मोर गांव-मोर पानी महाअभियान के अंतर्गत जल के समुचित उपयोग, कम भूजल दोहन और अधिक वृक्षारोपण के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसके अलावा प्रत्येक ग्राम पंचायत में मानसून के पूर्व और पश्चात भूजल स्तर का रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि ग्रामीणों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।

इस अवसर पर मोर गांव मोर पानी अभियान अंतर्गत मनरेगा के तहत जल संरक्षण की दिशा में बेहतर कार्य करने वाले सरपंच, सचिव एवम ग्रामीणों सहित 30 लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर कलेक्टर द्वारा सम्मानित किया गया।

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