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मॉब लिंचिंग के मामले में आरटीआई कार्यकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर की दखल देने की मांग, मुस्लिम समाज हत्याकांड के विरोध में बड़े आंदोलन की तैयारी में

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के आरंग थाना क्षेत्र में 6-7 जून को देर रात्रि उत्तरप्रदेश के दो अल्पसंख्यक युवकों की मॉब लिंचिंग में हुई हत्या को लेकर एक्टविस्ट कुणाल शुक्ला ने CJI को पत्र लिखकर मामले में दखल देने की मांग की है और अनुरोध किया है कि उनके पत्र को ही सुप्रीम कोर्ट याचिका के रूप में स्वीकार कर छत्तीसगढ़ सरकार औऱ पुलिस प्रशासन पर कार्यवाही करे।

पिछले दिनों गौ तस्करी के शक में कथित गौ रक्षकों ने एक ट्रक को रोका और चालक समेत तीन लोगों पर हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि हमलावरों ने तीनों को बुरी तरह घायल करने के बाद उन्हें महानदी पर बने पुल से नीचे फेंक दिया। इस घटना में 2 की मौत हो गई, वहीं तीसरा जीवन मृत्यु से संघर्ष कर रहा है। इस मामले में आरंग पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ गैर इरादतान हत्या और हत्या के प्रयास के तहत जुर्म दर्ज किया है।

कोई गिरफ्तारी नहीं होने से उठ रहे सवाल

आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने प्रदेश की सरकार और पुलिस प्रशासन से सवाल किया है कि घटना के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी क्या हत्यारों को सिर्फ इसलिए नहीं दबोचा जा रहा है क्योंकि एक पूर्व मंत्री का मामले में दखल और दबाव है? औऱ क्या पुलिस हत्यारों को खोजने का सिर्फ स्वांग रच रही है?

दरअसल इस मामले में अब तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। पता चला है कि घटना के संदेहियों को पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। पुलिस का सारा दारोमदार सद्दाम कुरैशी के ऊपर है जिसकी हालत गंभीर है और उसका इलाज चल रहा है। उसके बयान के बाद ही पुलिस आगे की कार्रवाई करने की बात कह रही है।

वहीं आरोप लग रहे हैं कि हमलावरों की पहचान होने के बावजूद पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है।

गुस्से में है मुस्लिम समाज

गौ तस्करी के शक में जिस तरह हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया गया है उससे मुस्लिम समाज काफी आक्रोशित है। दुधारू भैंसों को लेकर जा रहे युवकों को जिस तरह जान से मारा गया, देश भर में ऐसे कई मामले हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ जैसे शांति और सद्भाव वाले सूबे में इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर यहां की फिजां में जहर घोलने का प्रयास किया जा रहा है। इससे मुस्लिम समुदाय काफी आहत है। इस घटना को लेकर सर्व मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध लोगों के बीच चर्चा हुई है और यह तय किया गया है कि अगर जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

बहरहाल इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। और उनकी रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है।उधर बुरी तरह घायल सद्दाम कुरैशी की हालत गंभीर बनी हुई है और उसकी सलामती के लिए लोग दुआ कर रहे हैं। समाज के लोगों को उम्मीद है कि पुलिस इस मामले में निष्पक्षता से कार्रवाई करेगी और जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार करेगी।

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