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सुरंग के मलबे में फिर अटक गई मशीन, अब इंसानी ताकत पर ही भरोसा

उत्तरकाशी. सिलक्यारा सुरंग में शुक्रवार को ऑगर मशीन 2.2 मीटर चलने के बाद फिर थम गई। ऑगर मशीन के आगे फिर कुछ अड़चन आई, जिसके कारण मशीन को रोकना पड़ा। बार-बार ऑगर मशीन को बाहर निकालने और अंदर भेजने में लगने वाले समय को देखते हुए अब आगे की ड्रिलिंग मैनुअल (हाथों से) करने की तैयारी है। इस तरह आखिरी पाइप मैनुअल ही डालने की कोशिश की जाएगी। अब श्रमिकों तक पहुंचने के लिए करीब आठ मीटर की दूरी और रह गई है। पूरी उम्मीद यही है कि शनिवार को श्रमिकों को बाहर निकालने को लेकर कोई खुशखबरी सामने आ सकती है।

बीते बुधवार की शाम साढ़े छह बजे सिलक्यारा सुरंग में ऑगर मशीन ने काम करना बंद कर दिया था। इसके बाद बुधवार देर रात से लेकर गुरुवार और शुक्रवार दोपहर तक अड़चनों को दूर किया गया। तमाम दिक्कतों को दूर करते हुए ऑगर मशीन को 47 घंटे के इंतजार बाद शाम पांच बजे चालू किया गया। ऑगर मशीन ने तेजी से काम करते हुए 2.2 मीटर तक पाइप को पुश करने के लिए स्थान बनाया। इस बीच ठीक 2.2 मीटर आगे जाकर कुल 49.20 मीटर पर मशीन फिर ठिठक गई। मशीन के आगे फिर कुछ अड़चन आने के बाद काम रोका गया। विशेषज्ञ दिक्कत को दूर करने में जुट गए हैं। सूत्रों के अनुसार अब आगे की ड्रिलिंग मैनुअल किए जाने की योजना के विकल्प पर विचार हो रहा है।

शाम को प्रेस ब्रीफिंग में सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय अपर सचिव महमूद अहमद ने बताया कि पहले ऑगर मशीन से 45 मीटर के बाद ड्रिलिंग शुरू करते हुए कुल 1.8 तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गई थी। कुल 46.8 से आगे की ड्रिलिंग के बाद अड़चन आने पर ड्रिलिंग रोकी गई थी। अड़चन दूर कर 1.2 मीटर अतिरिक्त ड्रिलिंग कर 48 मीटर पाइप बिछा दिया था। सचिव नीरज खैरवाल ने बताया कि नौवें पाइप के बाद कोई बाधा नहीं हुई तो एक अंतिम पाइप जोड़कर मजदूरों तक पहुंचा जाएगा।

मलबे के भीतर ऑगर मशीन के जरिए 800 एमएम पाइप सेट करने में पांच से छह घंटे का समय लग रहा है। पहले पाइप की वेल्डिंग में दो घंटे का समय लग रहा है। एक घंटा पाइप को ठंडा होने में लग रहा है। उसके बाद फिर दो घंटे पाइप को पुश करने में लग रहे हैं।

सिलक्यारा सुरंग में 800 एमएम के पाइप में 45 मीटर तक बामुश्किल रेंगते हुए पहुंच सरिए और लोहे के गार्डर को काट कर रास्ता बनाना, लोहे के चने चबाने से कम नहीं रहा। इस काम में एक्सपर्ट को पूरे आठ घंटे का समय लगा। दूसरी ओर ऑगर मशीन के डिस्बेलेंस हुए प्लेटफार्म को लेवल पर लाकर बैलेंस करने और उसे ठोस करने में पूरे 24 घंटे का समय लगा।

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