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मनरेगा से मिला नौनिहालों को सशक्त भविष्य का आधार

रायपुर, धमतरी जिले के कुरुद विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत अटंग में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत निर्मित नवीन आंगनबाड़ी भवन आज गांव के लिए परिवर्तन और उम्मीद की पहचान बन चुका है। कभी जर्जर और असुविधाजनक भवन में सीमित संसाधनों के बीच पल-बढ़ रहे नौनिहालों के लिए अब एक सुरक्षित, सुंदर और सुविधायुक्त वातावरण सुलभ हो गया है। यह बदलाव न केवल स्थानीय विकास की मिसाल है, बल्कि यह सरकार की योजनाओं की जमीनी सफलता का सजीव प्रमाण भी है। इन आंगनबाड़ी भवन के सहायिकाओं के माध्यम से किशोरी बालिकाओं को स्वच्छता, पोषण आहार की जानकारी दी जाती है और शिशुवती एवं गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार एवं पूरक पोषक आहार प्रदाय किए जाते हैं। 

करीब ढाई दशक पूर्व बना पुराना आंगनबाड़ी भवन अत्यधिक जर्जर हो चुका था। भवन की दीवारें क्षतिग्रस्त थीं, छत से टपकते पानी और सीमित स्थान के कारण बच्चों को बैठने, खेलने और पढ़ने में कठिनाई होती थी। बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर अभिभावकों में हमेशा चिंता बनी रहती थी। बरसात, गर्मी और कीचड़ से बचाव के उपाय नहीं थे, जिससे उपस्थिति पर भी विपरीत असर पड़ रहा था।

ग्रामवासियों और जनप्रतिनिधियों की सतत मांग पर पंचायत ने प्रस्ताव बनाकर वित्तीय वर्ष 2024-25 में मनरेगा योजना के अंतर्गत भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त की। कुल 11 लाख 69 हजार रुपये की लागत से तय समय सीमा के भीतर स्थानीय श्रमिकों के श्रम से यह भवन तैयार किया गया। निर्माण कार्य के दौरान 800 मानव दिवस का रोजगार सृजित हुआ, जिससे कई परिवारों को आर्थिक सहायता भी मिली।

नव निर्मित आंगनबाड़ी भवन बच्चों की आवश्यकताओं के अनुरूप डिजाइन किया गया है। भवन में हवादार कमरे, मजबूत छत, टाइल्स युक्त फर्श, शौचालय, स्वच्छ पेयजल व्यवस्था, सुरक्षित दरवाजे-खिड़कियां, साफ-सुथरा आंगन और बच्चों के बैठने-पढ़ने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध है। रंग-बिरंगी दीवारों, शिक्षाप्रद चित्रों और बाल मित्र माहौल ने भवन को बच्चों के लिए आकर्षक बना दिया है।

आज अटंग की आंगनबाड़ी में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पूर्व-प्राथमिक शिक्षा, सुपोषित आहार, नियमित टीकाकरण और स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा मिल रही है। खेल-खेल में शिक्षा पद्धति ने बच्चों की रुचि और भागीदारी दोनों में वृद्धि की है। माता-पिता अब निश्चिंत होकर अपने बच्चों को आंगनबाड़ी भेज रहे हैं, जिससे उपस्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

नवीन आंगनबाड़ी भवन ने ग्राम अटंग में सामाजिक और शैक्षणिक चेतना को मजबूती दी है। महिलाएं अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के प्रति आश्वस्त हैं। गांव में शासन की योजनाओं के प्रति विश्वास बढ़ा है और विकास को लेकर सकारात्मक सोच बनी है। ग्राम अटंग का यह नवीन आंगनबाड़ी भवन सिर्फ एक संरचना नहीं, बल्कि नौनिहालों के सपनों और भविष्य की बुनियाद है। यह कहानी इस बात की गवाही देती है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जैसी योजनाएं अगर स्थानीय आवश्यकताओं से जुड़कर और समर्पण के साथ लागू हों, तो वे न सिर्फ रोजगार का माध्यम बनती हैं, बल्कि शिक्षा, पोषण और सामाजिक सशक्तिकरण की नई इबारत भी लिखती हैं।

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