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भाजपा मतदान बढ़ाने, तो कांग्रेस का जनसंपर्क पर फोकस

रायपुर। तीसरे चरण को लेकर रायपुर लोकसभा में होने वाले मतदान का प्रचार-प्रसार अब थम गया है। कल यानी कि मंगलवार काे 44 डिग्री की गर्मी के बीच सुबह से मतदान की शुरूआत होगी। वहीं, इसके लिए अब दोनों ही पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने अपनी-अपनी रणनीतियां तय कर रखी हैं। भाजपा का फोकस है मतदान का प्रतिशत बढ़ाने पर। क्योंकि अब तक भाजपा के कार्यकर्ता से लेकर प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। वहीं, अब इनका फोकस मतों के अंतर पर है।

दूसरी ओर कांग्रेस के लिए रायपुर सीट का मुकाबला काफी कड़ा होता दिखाई दे रहा है। इसलिए अब भी कांग्रेस का फोकस जनसंपर्क पर बना हुआ है। हालांकि एक दिन में हर कोने तक मतदाताओं तक पहुंच पाना दोनों ही पार्टियों के संभव नहीं है। इसलिए कार्यकर्ताओं के जरिए अब दोनों ही बूथ मैनेजमेंट पर जुट गए हैं। कांग्रेस द्वारा अपने स्तर पर मतदाताओं को बूथ तक लाने की, जबकि भाजपा द्वारा आने-जाने दोनों के लिए ही व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा भीषण गर्मी को देखते हुए कार्यकर्ताओं के अलावा मतदाताओं के लिए भी शीतल पेयजल सहित अन्य व्यवस्था बनाने की कवायद की जा रही है।

अब मतदान को लेकर सिर्फ एक ही दिन शेष है। ऐसे में भाजपा के आइटी सेल और कांग्रेस का वार रूम इस आखिरी दिन में अहम भूमिका रहेेगी। क्योंकि बड़ी संख्या में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं के बीच पहुंचने का एकमात्र साधन इंटरनेट मीडिया ही है, जिसके जरिए आसानी से बल्क में मतदाताओं तक पहुंचा जा सकता है। इसे देखते हुए दोनों ही पार्टियों की गतिविधियां अब तेज हो गई हैं।

कांग्रेस की ओर से अपना घोषणा पत्र प्रत्याशियों तक पहुंचाने में फोकस किया जा रहा है। साथ ही मोदी सरकार की नीतियों की खामियां भी लोगों तक पहुंचाने पर ध्यान दिया जा रहा है, जबकि भाजपा का प्रयास अपनी पिछली दस वर्षों की केंद्र सरकार के साथ ही अपनी वर्तमान सरकार की उपलब्धियां गिनाने पर फोकस किया जा रहा है।

दोनों ही पार्टियों की ओर से मतदाताओं से जनसंपर्क कर उन्हें पर्चियां बांटी जा रही हैं। साथ ही साथ मेनिफेस्टो भी सभी मतदाताओं को देकर अपनी ओर रिझाने का प्रयास भी किया जा रहा है। वहीं, मतदाताओं को लाने से लेकर ले जाने की भी व्यवस्था बनाने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। भाजपा द्वारा हजार से ज्यादा ग्रुपों में अपने संदेश भेजे जा रहे हैं। इसके लिए भाजपा के हजार से ज्यादा ग्रुप हैं, जबकि कांग्रेस के दो सौ से ज्यादा ग्रुप बनाए गए हैं और संदेश भेजे जा रहे हैं। वहीं, ब्राडकास्ट के अलावा रिकार्डेड काल, टेक्स्ट मैसेज और फोन पर भी संपर्क साधा जा रहा है।

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