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पुष्पा स्टाइल में रियल लाइफ स्मगलिंग, नदी में बहाई महंगी लकड़ी, पकड़ाया नेटवर्क

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के घाटीगांव इलाके में सांक नदी से 35 क्विंटल खैर की लकड़ी बरामद कर वन विभाग ने 3 तस्करों को गिरफ्तार किया है. लेकिन आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के दौरान आरोपियों को रिमांड पर नहीं लेने से कार्रवाई पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं.

चेकिंग के दौरान दो ट्रकों में मिली थी खैर की लकड़ी
असल में ग्वालियर जिला वन मंडल में फिल्म ‘पुष्पा’ की तर्ज पर कुछ तस्कर खैर की लकड़ी की तस्करी कर रहे थे. इस तस्करी के बारे में वन विभाग की टीम को एक मुखबिर से सटीक सूचना मिली थी. वन विभाग के मुताबिक, उन्होंने अलवर से आए दो ट्रकों से चेकिंग के दौरान बहुमूल्य खैर की लकड़ी पकड़ी थी. ये लकड़ी कत्था बनाने के काम में ली जाती है. जो काफी महंगी होती है.

पुष्पा की तर्ज पर नदी में इकट्ठा कर रहे थे लकड़ी
तस्करों ने ट्रकों में छुपा कर रखी ज्यादातर लकड़ियों को पहले ही जखौदी इलाके में सांक नदी में फेंक दिया था. जब ग्रामीणों की सूचना वन विभाग को मिली तो टीम सांक नदी किनारे पहुंची और नदी से 35 क्विंटल से ज्यादा खैर की लकड़ी जब्त की. पता चला है कि तस्करों का गिरोह पुष्पा फिल्म की तरह ही खैर की लकड़ी को नदी से बहाकर इकट्ठा कर रहे थे. वन विभाग की विजलेंस टीम ने मौके से तीन तस्कर हामिद, अजहरुद्दीन और साउन खान को भी पकड़ा है. जबकि उनका एक साथी रामनिवास गुर्जर मौके से फरार हो गया.

अंडरग्राउंड हुआ तस्करी का मास्टर माइंड
खैर की लकड़ी की तस्करी का मास्टरमाइंड शोभित यादव बताया जा रहा है, जो वन विभाग की कार्रवाई के बाद के बाद अंडर ग्राउंड हो गया है. ऐसे में वन विभाग ने पकड़े गए तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर कोर्ट में पेश कर दिया है. वन विभाग के ग्वालियर रेंज सीसीएफ एपीएस सेंगर से बात करने पर उनका कहना है कि, ”सोनचिरैया अभियारण्य में खैर के पेड़ों की अवैध कटाई और लकड़ी की तस्करी की जानकारी मिल रही थी. इसी आधार पर ये कार्रवाई की गई है.”

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