
नई दिल्ली. इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में पांच विकेट से मिली हार के बाद भारतीय गेंदबाजों को निशाना बनाया जा रहा है। इन आलोचकों को करारा जवाब पूर्व भारतीय क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने दिया है। भारत के लिए इस मुकाबले में चार बल्लेबाजों ने पांच शतक जड़े। बावजूद इसके टीम मुकाबला हार गई। निचले क्रम के बल्लेबाजों और जसप्रीत बुमराह को छोड़कर अन्य गेंदबाजों का योगदान ना के बराबर था। अश्विन ने कहा है कि भारतीय गेंदबाजों के बारे में कमेंट्री अपमानजनक है, लेकिन सवाल ये भी है कि बल्लेबाजों ने बड़ी पारियां (डैडी हंड्रेड) क्यों नहीं खेलीं?
अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किए गए एक वीडियो में अश्विन ने कहा कि लीड्स में हार के बाद गेंदबाजों को हार के लिए दोषी ठहराने की कोशिश की गई। उन्होंने बताया कि इंग्लैंड ने जिस तरह चौथी पारी में 370 रनों से ज्यादा स्कोर का पीछा किया। उसमें सिर्फ गेंदबाजों की गलती नहीं थी। अश्विन ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजों ने खेल में पांच शतक बनाए, लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाजों का कोई योगदान नहीं था।
उन्होंने कहा, “एक बार जब 370+ रनों का पीछा किया गया, तो मुझे लगा कि कमेंट्री भारतीय गेंदबाजों के बारे में अपमानजनक हो गई है। मुझे लगा कि जो कहानी बनाई गई है, वह इस ओर इशारा कर रही है कि कैसे भारतीय गेंदबाज मैच जिताने में विफल रहे। बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मुझे पता है कि बल्लेबाज रन बना रहे हैं। हां, हमने पांच शतक लगाए, लेकिन डैडी हंड्रेड कहां हैं? हमें इस तथ्य को स्वीकार करना होगा कि निचले क्रम से (बल्ले से) कोई योगदान नहीं हुआ।”
उन्होंने गेंदबाजी को लेकर कहा, “टेस्ट में, मुझे लगता है कि मेडन ओवर्स को काफी कम आंका जाता है। आदर्श रूप से, मुझे बुमराह द्वारा हाई इकॉनमी रेट के साथ जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन अन्य को कम जाना चाहिए। टेस्ट में, आपको पहले दिन से धीरे-धीरे अपनी गेंदबाजी को विकसित करना होता है और इसका लाभ अंतिम पारी में मिलता है।” हालांकि, इस मामले में भारतीय टीम पीछे रह गई।