खेल जगत

पहलगाम अटैक के बीच अरशद नदीम को भारत बुलाने पर नीरज चोपड़ा ने तोड़ी चुप्पी, बोले- मुझे दुख होता है कि…

नई दिल्ली. भारत के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा 24 मई को बेंगलुरु में नीरज चोपड़ा क्लासिक जेवलिन थ्रो इवेंट आयोजित कर रहे हैं, जिसमें कई स्टोर खिलाड़ियो को एक्शन में देखने का मौका मिलेगा। नीरज ने इस इवेंट के लिए पाकिस्तान के स्टार भाला फेंक एथलीट अरशद नदीम को भी इनविटेशन दिया था, मगर उन्होंने आने से इनकार कर दिया। नीरज चोपड़ा के इनविटेशन के बाद कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ जिसमें 26 लोगों की जान गई। ऐसे में नीरज चोपड़ा के पाकिस्तानी एथलीट को भारत बुलाए जाने के फैसले को लेकर फैंस सवाल उठा रहे हैं और लगातार उनकी आलोचना कर रहे हैं। अब नीरज ने खुद इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ी है और सोशल मीडिया पर इसको लेकर सफाई दी है।

नीरज चोपड़ा ने एक्स पर एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें उन्होंने लिखा, “मैं आमतौर पर कम बोलने वाला व्यक्ति हूं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं जो गलत समझता हूं उसके खिलाफ नहीं बोलूंगा। खासकर तब जब बात हमारे देश के प्रति मेरे प्यार और मेरे परिवार के सम्मान और प्रतिष्ठा पर सवाल उठाने की हो।

अरशद नदीम को नीरज चोपड़ा क्लासिक में प्रतिस्पर्धा करने के लिए आमंत्रित करने के मेरे फैसले के बारे में बहुत चर्चा हुई है, और इसमें से अधिकांश नफरत और गाली-गलौज ही है। उन्होंने मेरे परिवार को भी इससे बाहर नहीं छोड़ा। मैंने अरशद को जो निमंत्रण दिया वह एक एथलीट की ओर से दूसरे एथलीट को था – न ज्यादा, न कम। NC क्लासिक का उद्देश्य भारत में सर्वश्रेष्ठ एथलीटों को लाना और हमारे देश को विश्व स्तरीय खेल आयोजनों का घर बनाना था। पहलगाम में आतंकवादी हमलों से दो दिन पहले, सोमवार को सभी एथलीटों को निमंत्रण भेजा गया था।

पिछले 48 घंटों में जो कुछ भी हुआ है, उसके बाद NC क्लासिक में अरशद की मौजूदगी का सवाल ही नहीं उठता। मेरा देश और उसके हित हमेशा सबसे पहले रहेंगे। जो लोग अपने लोगों के नुकसान से गुजर रहे हैं, मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके साथ हैं। पूरे देश के साथ-साथ, मैं भी जो कुछ हुआ है, उससे आहत और क्रोधित हूं।

मुझे विश्वास है कि हमारे देश की प्रतिक्रिया एक राष्ट्र के रूप में हमारी ताकत दिखाएगी और न्याय मिलेगा।

मैंने इतने सालों तक अपने देश को गर्व के साथ संभाला है, इसलिए मेरी ईमानदारी पर सवाल उठते देखना दुखद है। मुझे दुख होता है कि मुझे उन लोगों के सामने खुद को स्पष्ट करना पड़ रहा है जो बिना किसी ठोस कारण के मुझे और मेरे परिवार को निशाना बना रहे हैं।

हम साधारण लोग हैं, कृपया हमें कुछ और न समझाएं। मीडिया के कुछ वर्गों ने मेरे बारे में बहुत सी झूठी कहानियां गढ़ी हैं, लेकिन सिर्फ इसलिए कि मैं नहीं बोलती, इसका मतलब यह नहीं है कि वे सच हैं।

मुझे यह समझना भी मुश्किल लगता है कि लोग कैसे अपनी राय बदल लेते हैं। जब मेरी माँ ने एक साल पहले अपनी सादगी में एक मासूम टिप्पणी की थी, तो उनके विचारों की खूब तारीफ़ हुई थी। आज वही लोग उसी बयान के लिए उन पर निशाना साधने से पीछे नहीं हटे हैं।

इस बीच, मैं यह सुनिश्चित करने के लिए और भी अधिक मेहनत करूंगा कि दुनिया भारत को याद रखे तथा सही कारणों से इसे ईर्ष्या और सम्मान की दृष्टि से देखे।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button