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नागाडबरा के बाद टाटावाही हत्याकांड मामले में पुलिस की भूमिका सन्दिग्ध…

कवर्धा । कबीरधाम जिले के थाना सिंघनपुरी जंगल में 07 मार्च को ग्राम टाटावाही में शिव कुमार पाली के बाड़ी एवं उससे लगे कच्ची दीवाल किनारे एक बच्ची मृत अवस्था में पड़ी मिली थी। सूचना पर थाना प्रभारी सावन सारथी द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये आसपास घटनास्थल का निरीक्षण तथा उक्त घटना के संबंध में आसपास में रहने वाले लोगो तथा फॉरेस्ट गार्ड से पूछताछ करने पर ग्राम के ही सुंदर लाल खरे की 7 साल की बच्ची का शव होना पता चला। जिले के पुलिस कप्तान ने स्वयं घटना स्थल का निरीक्षण कर ग्राम में कैम्प करके आरोपी के पतासाजी करने हेतु निर्देश दिए ।

पुलिस अधीक्षक द्वारा पहले मृतिका के प्राइवेट पार्ट में चोट के निशान एवम संदेही बीटगार्ड के शरीर पर इंज्युरी मार्क एवम प्राइवेट पार्ट में इंज्युरी के निशान बताये गए थे। मीडिया में मामला उछलने के बाद थाना प्रभारी द्वारा ग्राम के लोगो से बारीकी से पूछताछ करने से पुलिस की कहानी बदल गई। अब 14 वर्षीय नाबालिक को हत्या का आरोपी बताया जा रहा है।

मासूम बालिका का हत्यारा निकला विधि विरुद्ध संघर्षरत बालक ?
7 वर्षीय बालिका की हत्या को लेकर जारी पुलिस की विज्ञप्ति में दिए गए घटना के ब्योरे में घटना को लेकर कई सवाल उठ रहे जिनका जवाब फिलहाल पुलिस के पास नही है। जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि मृतिका का रिस्तेदार विधि से संघर्षरत बालक से गांव वालो के सामने ही पूछताछ करने पर अपने मेमोरेण्डम कथन में घटना को कारित कर जुर्म स्वीकार किया।

देखें कवर्धा एसपी का बयान…

नाबालिक ने मृतिका के रोज रोज चिढ़ाने से आवेश में आकर की थी हत्या
आरोपी बालक से पूछताछ करने पर बताया गया कि मृतिका मुझे हर समय घोलहा अण्डा कहकर चिढ़ाती रहती थी, जिससे मैं काफी ज्यादा मानसिक रूप से परेशान हो जाता था। परन्तु रिश्तेदार है कहकर शांत रहता था। उसने बताया कि 7 मार्च को करीबन दोपहर 11-12 बजे जब मैं अपने घर में अकेला था, उसी समय मृतिका मेरे घर का दरवाजा खटखटाई तब मैं दरवाजा खोला और पूर्व के ही भांति मृतिका मुझे चिढ़ाने के लिये घोलहा अण्डा बोली तो मैं बहुत गुस्सा होकर आवेष मे आकर उसके गले को दबा दिया। जिससे मृतिका बेहोश हो गई, जिस पर से बालक यह सोचकर कि मृतिका मर गई है उसे उठाकर बाड़ी के किनारे दीवाल से उस पार फेक दिया। उसके बाद दीवाल के उस पार पहुचकर वही पर रखे पत्थर से तीन चार बार सिर में वार करके हत्या कर दिया, और अपने घर चले गया। घटना में प्रयुक्त आलाजरब को विधि विरुद्ध संघर्षरत आरोपी बालक के निशान देही पर जप्त किया गया।

पुलिस विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में मृतिका को बाड़ी के किनारे दीवाल से उस पार फेकना बताया गया है, जबकि उक्त स्थल पर कच्ची दीवाल के साथ साथ सूखी झाड़ी झँखड़ है। जिस पर से 14 साल के बच्चे द्वारा 7 साल की बच्ची को फेकने की बात पर भी सवालिया निशान लग रहे है। साथ ही साथ पूर्व संदेही के शरीर पर इंज्युरी मार्क एवम प्राइवेट पार्ट में इंज्युरी के निशान की पुलिसिया कहानी आखिर कहा गायब हो गई?

विदित हो कि सिंघनपुरी थाना प्रभारी के कार्यकाल में ही नागाडबरा बैगा हत्याकांड को आगजनी बता का मामला रफादफा करने का प्रयास किया गया था बाद में मामला हत्या का निकला ।

बहरहाल मामले में विधि के संघर्षरत बालक के विरुद्ध थाना सिंघनपुरी जंगल में अपराध क्रमांक. 09/2024 धारा 302, 201 भा.द.वी. के तहत अपराध पंजीबद्ध कर कारवाही की गई फिर भी पुलिस की कथनी और करनी पर सवाल तो उठते है।

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