प्राण प्रतिष्ठा में जब मिलीं उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा, लिपटकर खूब रोईं राम मंदिर आंदोलन की नायिकाएं

अयोध्या. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करोड़ों भक्तों के लिए उनका सदियों पुराना सपना साकार होने जैसा है। जिसने राममंदिर के लिए अपना खून और पसीना बहाया है, उसके लिए इस पल का कोई मूल्य नहीं है। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान राम मंदिर आंदोलन की दो नायिकाएं जब मिलीं तो उनके आंसुओं ने संघर्ष की यह पूरी कहानी बयां कर दी। भाजपा नेता उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा राम मंदिर के सामने एक दूसरे से मिलीं तो लिपटकर खूब रोईं। उनकी तस्वीर लोगों को भाव विह्लल कर रही हैं। कहा जाता है कि एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। लेकिन यह एक तस्वीर राम मंदिर आंदोलन, भक्तों की कुर्बानी, आंक्रांताओं का अत्याचार और अपने राम को घर दिलाने के लिए तपस्या करने वाले साधु-संतों की पूरी कहानी कहने लगी।
राम मंदिर आंदोलन को दी थी दिशा
90 के दशक के राम मंदिर आंदोलन की होती है तो प्रवीण तोगड़िया, अशोक सिंघल, लालकृष्ण आडवाणी, विनय कटियार के साथ अगर दो महिला योद्धाओं का नाम आता है तो वह साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती ही हैं। राम मंदिर के संदेश को घर-घर तक जन-जन तक पहुंचाने में उमा भारती और स साध्वी ऋतंभर के तेजस्वी भाषणों का बड़ा योगदान था।