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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘साजिश’ की बात से इनकार किया

नई दिल्ली, रेलवे स्टेशन पर बीते दिनों मची भगदड़ की घटना के बाद से इसे लेकर हंगामा जारी है। स्टेशन पर भगदड़ मचने के कारण 18 लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए थे। विपक्ष इस घटना को लेकर लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है। इस भगदड़ की कारणों को लेकर जांच की जा रही है। वहीं, अब सोमवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ को लेकर बयान दिया है। रेल मंत्री वैष्णव ने भगदड़ के पीछे किसी साजिश की बात से इनकार कर दिया है। आइए जानते हैं कि रेल मंत्री ने इस बारे में और क्या कुछ कहा है।

क्या बोले रेल मंत्री वैष्णव?

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को रेल भवन में मीडियाकर्मियों से कहा- ‘‘इस समय तो कोई साजिश नजर नहीं आती।’’ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आगे ये भी बताया कि अब तक उपलब्ध सूचना से पता लगा है कि शनिवार को भगदड़ मचने के समय नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बहुत ज्यादा भीड़ नहीं थी। उन्होंने प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा को भगदड़ की वजह होने से इनकार करते हुए कहा- ‘‘जांच समिति इस पर गहराई से पड़ताल कर रही है।’’

कैसे मची भगदड़?

रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक- ‘‘प्लेटफार्म संख्या 12 से शाम 7:15 बजे एक प्रयागराज स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी तथा टिकटों की बिक्री में वृद्धि को देखते हुए एक और स्पेशल चलाने की योजना बनाई गई, जो उसी प्लेटफार्म पर 8:50 बजे प्रतीक्षा कर रही थी।” अधिकारी ने जानकारी दी है कि रात करीब साढ़े आठ बजे प्लेटफार्म 12 पर प्रयागराज स्पेशल ट्रेन के लिए घोषणा की गई तो कुछ यात्री भ्रमित हो गए और उन्हें लगा कि यह घोषणा प्रयागराज एक्सप्रेस के लिए की गई है। अधिकारी ने कहा- ‘‘वे प्रयागराज एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म 14 पर थे, लेकिन ऐसा लगता है कि उद्घोषणा से वे भ्रमित हो गए और उन्होंने प्लेटफॉर्म 12 की ओर जाना शुरू कर दिया। सीढ़ियों पर कई यात्री बैठे थे और उन पर चढ़ते समय एक व्यक्ति जिसके सिर पर भारी सामान था, वह असंतुलित हो गया और दूसरे यात्रियों पर गिर गया जिससे भगदड़ मच गई।’’

रेलवे अधिकारियों ने दिन रात काम किया- रेल मंत्री

रेल मंत्री वैष्णव ने सोमवार को कहा कि ‘‘हमने पिछली असफलताओं और गलतियों से सीखा है और यही कारण है कि यात्रियों की इतनी बड़ी भीड़ को इतनी अच्छी तरह से प्रबंधित किया गया है। पिछले कुंभ मेले में केवल 4,000 ट्रेनें चलाई गई थीं, जबकि इस बार हमने 13,000 ट्रेनों की योजना बनाई थी और अब तक 12,583 ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं। दुनिया में किसी देश में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही नहीं होती। रेलवे अधिकारियों ने दिन रात काम किया है। इतनी बड़ी भीड़ को संभालना अत्यंत मुश्किल काम है।’’

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