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नई दिल्ली. यूपी बोर्ड 9वीं से 12वीं कक्षा में नए शैक्षणिक सत्र से सेमेस्टर सिस्टम लागू होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सेमेस्टर व्यवस्था के जरिए छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने की तैयारी है। पूरे सत्र को आठ अलग अलग सेमेस्टर में बांटा जाएगा। साल में अलग अलग सेमेस्टर में विद्यार्थी सिलेबस के अलग अलग हिस्से की परीक्षा देंगे। इससे छात्रों पर विशाल सिलेबस की परीक्षा एक बार में देने का दवाब व तनाव कम होगा। इतना ही नहीं विद्यार्थियों का मूल्यांकन भी कम समय में हो सकेगा। विद्यार्थी अपनी कमजोरियों को जानेगा और उसे सुधारने का अवसर मिलेगा।  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए लाए गए नेशनल करिकुलर फ्रेमवर्क के तहत अब यूपी का माध्यमिक शिक्षा विभाग नए सत्र से आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम खत्म करेगा। अमर उजाला की खबर के मुताबिक अब यूपी बोर्ड में एक ही स्ट्रीम चलेगी। स्ट्रीम के बंधन टूटेंगे। आर्ट्स का स्टूडेंट्स साइंस या कॉमर्स के विषय पढ़ सकेगा। मसलन अगर कोई साइंस साइड का फिजिक्स, केमिस्ट्री पढ़ने वाला विद्यार्थी आर्ट्स साइड के इतिहास व राजनीति विज्ञान जैसे विषय पढ़ना चाहता है, तो उसे ऐसा करने की आजादी होगी। इसी तरह आर्ट्स वाला स्टूडेंट भी फिजिक्स, केमिस्ट्री या बायो जैसे विषय पढ़ सकेगा। इस तरह से स्टूडेंट्स को अपनी दिलचस्पी वाले विषयों को पढ़ने का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं विद्यार्थी स्किल बेस्ड विषय भी पढ़ सकेंगे।  हर सेमेस्टर की परीक्षा में 50 नंबर के सवाल प्रयोगात्मक होंगे। इनमें से 20 मर्क्स के प्रश्न के उत्तर OMR शीट पर देने होंगे। 50 नंबर की लिखित परीक्षा होगी। लिखित परीक्षा में प्रश्नों में ऑप्शन दिखाई देंगे।  खबर के मुताबिक लखनऊ मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा, ‘नए साल में इसके लिए कई तरह की योजना बनाई गई है। उच्च शिक्षा की तरह माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी सेमेस्टर सिस्टम लागू होगा। मार्कशीट की तरह छात्रों को समग्र व्यक्तित्व मूल्यांकन प्रमाण पत्र दिया जाएगा। खेलकूद में प्रतिभाग, विज्ञान प्रदर्शनी व अन्य तरह के प्रशिक्षण कार्य के प्रमाण पत्र शामिल होंगे।’

नई दिल्ली. यूपी बोर्ड 9वीं से 12वीं कक्षा में नए शैक्षणिक सत्र से सेमेस्टर सिस्टम लागू होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सेमेस्टर व्यवस्था के जरिए छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने की तैयारी है। पूरे सत्र को आठ अलग अलग सेमेस्टर में बांटा जाएगा। साल में अलग अलग सेमेस्टर में विद्यार्थी सिलेबस के अलग अलग हिस्से की परीक्षा देंगे। इससे छात्रों पर विशाल सिलेबस की परीक्षा एक बार में देने का दवाब व तनाव कम होगा। इतना ही नहीं विद्यार्थियों का मूल्यांकन भी कम समय में हो सकेगा। विद्यार्थी अपनी कमजोरियों को जानेगा और उसे सुधारने का अवसर मिलेगा। 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए लाए गए नेशनल करिकुलर फ्रेमवर्क के तहत अब यूपी का माध्यमिक शिक्षा विभाग नए सत्र से आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम खत्म करेगा। अमर उजाला की खबर के मुताबिक अब यूपी बोर्ड में एक ही स्ट्रीम चलेगी। स्ट्रीम के बंधन टूटेंगे। आर्ट्स का स्टूडेंट्स साइंस या कॉमर्स के विषय पढ़ सकेगा। मसलन अगर कोई साइंस साइड का फिजिक्स, केमिस्ट्री पढ़ने वाला विद्यार्थी आर्ट्स साइड के इतिहास व राजनीति विज्ञान जैसे विषय पढ़ना चाहता है, तो उसे ऐसा करने की आजादी होगी। इसी तरह आर्ट्स वाला स्टूडेंट भी फिजिक्स, केमिस्ट्री या बायो जैसे विषय पढ़ सकेगा। इस तरह से स्टूडेंट्स को अपनी दिलचस्पी वाले विषयों को पढ़ने का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं विद्यार्थी स्किल बेस्ड विषय भी पढ़ सकेंगे। 

हर सेमेस्टर की परीक्षा में 50 नंबर के सवाल प्रयोगात्मक होंगे। इनमें से 20 मर्क्स के प्रश्न के उत्तर OMR शीट पर देने होंगे। 50 नंबर की लिखित परीक्षा होगी। लिखित परीक्षा में प्रश्नों में ऑप्शन दिखाई देंगे। 

खबर के मुताबिक लखनऊ मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा, ‘नए साल में इसके लिए कई तरह की योजना बनाई गई है। उच्च शिक्षा की तरह माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी सेमेस्टर सिस्टम लागू होगा। मार्कशीट की तरह छात्रों को समग्र व्यक्तित्व मूल्यांकन प्रमाण पत्र दिया जाएगा। खेलकूद में प्रतिभाग, विज्ञान प्रदर्शनी व अन्य तरह के प्रशिक्षण कार्य के प्रमाण पत्र शामिल होंगे।’

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