लाइसेंसधारी व्यापारियों ने आबादी वाले इलाकों में लगाकर रखा है पटाखों का ढेर

महासमुंद। जिला और पुलिस प्रशासन की ऐसी अनदेखी कि जिला मुख्यालय में 22 व्यापारियों को स्थाई पटाखा लाइसेंस देकर इसका भौतिक सत्यापन कराना ही भूल गए. इन व्यापारियों ने गोदामों में पटाखा रखने की बजाए शहर के घनी आबादी के बीच पटाखों की ढेर लगा रही है, और इसकी भनक जिला प्रशासन तक को नहीं है. विस्फोटक नियमों को दरकिनार कर, सुरक्षा मानकों की अनदेखी कभी भी बड़े हादसा को जन्म दे सकती है.
प्रशासन ने जिन 22 व्यापारियों को गोदाम के आधार पर स्थाई पटाखा लाइसेंस दिया है, यह सभी व्यापारी गोदाम के बजाए पटाखा शहर में अपने घर, दुकान में डंप कर रखा है. प्रशासन को लाइसेंसधारियों द्वारा बताए गए स्थलों की पड़ताल करने पर एक भी गोदामों में पटाखों का स्टॉक ना पाया गया और ना ही मौके पर कोई गोदाम है.
दस्तावेज बताते हैं कि महासमुंद के 22 व्यापारियों को स्थाई पटाखा लाइसेंस प्रशासन अलग-अलग सालों में जारी किया है. स्थाई लाइसेंस के लिए व्यापारियों को घनी आबादी से दूर गोदाम बनाना होता है. शुरू में पुलिस और पटवारियों के द्वारा स्थल का निरीक्षण कर नजरी नक्शा के साथ गोदाम भी दर्शाना होता है. इसी के बिना पर पटाख़ा व्यापारियों ने सालों से प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर लाइसेंस का रिन्यूअल करा रहे हैं.