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दूसरे राज्यों में चुनाव कराते रहे भूपेश बघेल और अपनी ही खिसक गई जमीन

रायपुर । छत्तीसगढ़ से बतौर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाई। गोबर-गोठान की योजना से चर्चित भूपेश माडल को कांग्रेस अपना राष्ट्रीय एजेंडा बताते हुए अन्य राज्यों में भी इसे लागू करने की कोशिश में नजर आई। दो रुपये में गोबर, चार रुपये में गोमूत्र की खरीदी हो या पुरानी पेंशन योजना की बहाली या फिर अंग्रेजी माध्यम के स्वामी आत्मानंद स्कूल। लगभग तमाम बड़ी योजनाओं को कांग्रेस दूसरे राज्यों में भुनाती रही।

भूपेश भी दूसरे राज्यों इन्हीं योजनाओं के भरोसे प्रचार-प्रसार करते दिखे मगर छत्तीसगढ़ के चुनाव उनके ही पैरों तले से जमीन खिसक गई। पिछले चुनाव में 90 सदस्यीय विधानसभा सीट में 68 जीत जीतकर भारी बहुमत से सरकार बनाने वाले भूपेश को अंदाजा नहीं था कि उनकी पार्टी इस बार 35 सीट सिमटकर सत्ता से बेदखल हो जाएगी। राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि पार्टी और भूपेश के अति आत्मविश्वास के कारण वह सही जनाधार को भांपने में सफल नहीं हो पाए।

इसके पहले छत्तीसगढ़ माडल पर ही लड़खड़ाते कांग्रेस को हिमाचल व कर्नाटक की जीत के बाद बड़ी संजीवनी मिली थी। छत्तीसगढ़ माडल पर घोषणा पत्र जारी करके कांग्रेस ने दोनों राज्यों में जीत हासिल की थी।

कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर पुरानी पेंशन योजना, बेरोजगारों को 3,000 रुपये भत्ता, 200 यूनिट तक बिजली बिल माफ, गोबर तीन रुपये प्रति किलो में खरीदी, सामाजिक-आर्थिक जनगणना कराने की गारंटी लागू करने का वादा किया गया था। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस ने 10 में से पांच गारंटी छत्तीसगढ़ की तर्ज लागू की थी। इनमें पुरानी पेंशन योजना, हर विधानसभा क्षेत्र में चार अंग्रेजी माडल स्कूल, दो रुपये किलो गोबर खरीदी, 300 यूनिट तक बिजली बिल माफ और शहरी अजीविका योजना शामिल रहे।

मध्यप्रदेश और राजस्थान के चुनाव में भी छत्तीसगढ़ माडल छाया रहा। गोबर-गोठान के लिए प्रदेश में चल रही गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी करने का वादा मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी किया गया, हालांकि वहां भी कांग्रेस को सफलता नहीं मिली।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि हमने जो योजनाएं बनाई वह पूरे देश में लागू कराने के लिए कांग्रेस काम कर रही है। जहां तक चुनाव में हारने की बात है तो भाजपा ने पहले भी कई वादे जनता से किए। न ही पहले पूरे किए और अभी पूरा नहीं करने वाले हैं। भाजपा की आदत धोखा देना है। मैं यही कहना चाहूंगा कि भूपेश सरकार की जिन योजनाओं की चर्चा पूरे देश में रही है उन्हें जनहित में आगे भी चलना चाहिए।

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