ट्रंप सितंबर में कर सकते हैं पाकिस्तान का दौरा

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के मीडिया संस्थानों का दावा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सितंबर में पाकिस्तान का दौरा कर सकते हैं। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि ट्रंप 18 सितंबर को इस्लामाबाद पहुंच सकते हैं और डोनाल्ड ट्रंप का यह दौरा उनके दक्षिण एशिया विजिट का हिस्सा होगा। लेकिन ये दावा फर्जी निकला है। बताया जा रहा था कि इसमें भारत और पाकिस्तान दोनों का दौरा शामिल हो सकता है। अगर ऐसा होता तो लगभग बीस सालों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान का दौरे पर होते।
रिपोर्ट्स में कहा गया था कि ट्रंप की यह यात्रा भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान हो सकती है। ट्रंप सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आएंगे और उसी दौरान वह पाकिस्तान में थोड़ी देर के लिए रुक सकते हैं। यह दौरा या तो भारत जाने से पहले हो सकता है या फिर लौटते समय किया जा सकता है। हालांकि, अमेरिका और पाकिस्तान दोनों ही सरकारों ने इस यात्रा की औपचारिक पुष्टि नहीं की। ये दावा गलत साबित हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सितंबर में ब्रिटेन की यात्रा पर जा सकते हैं, जहां 17-19 सितंबर तक किंग चार्ल्स विंडसर कैसल में उनकी मेजबानी करेंगे।
हाल ही में व्हाइट हाउस में ट्रंप ने आसिम मुनीर को भोज पर आमंत्रित किया था। इस बैठक के दौरान ट्रंप ने यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान ईरान की नीतियों को बेहतर तरीके से समझता है। इसके साथ ही ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव पर पाकिस्तान के कूटनीतिक भूमिका निभाने पर भी चर्चा हुई थी। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने भी इस मुलाकात की पुष्टि करते हुए इसे क्षेत्रीय स्थिरता और भारत-पाक संबंधों में शांति के लिए एक सकारात्मक पहल बताया था।
ट्रंप के पाकिस्तान दौरे को लेकर सूचना गलत निकली है। लेकिन यदि जानकारी सही होती और यह यात्रा संपन्न होती तो करीब दो दशकों में यह किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की पहली पाकिस्तान यात्रा होगी। आपको बता दें कि इसके पहले साल 2006 में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने पाकिस्तान का दौरा किया था। उस समय अमेरिका अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चला रहा था।
ट्रंप यदि पाकिस्तान की यात्रा करते तो यह अमेरिका की कूटनीतिक रणनीति का एक नया संकेत हो सकता था। यह दौरा ईरान पर दबाव बनाने की अमेरिकी नीति का हिस्सा भी हो सकता था। साल 2020 में भारत दौरे के दौरान ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ मिलकर आतंकवाद से लड़ रहा है। भारत समेत कई देशों का मानना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है, जैसा कि 22 अप्रैल, 2025 को हुए पहलगाम हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर से स्पष्ट हुआ। यदि ट्रंप पाकिस्तान जाते तो ये दौरा इस मुद्दे पर पाकिस्तान को जवाबदेही तय करने का दबाव डाल सकता था या फिर इसके उलट इसे नजरअंदाज कर एक सकारात्मक छवि बनाने की कोशिश की जा सकती थी।