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जनरल कोच के डस्टबिन फेंका जलता सिगरेट, धुआं उठते ही बजा अलार्म

बिलासपुर। मुंबई-हावड़ा मेल के जनरल कोच में रखी डस्टबिन में किसी यात्री ने जलता सिगरेट फेंक दिया। डस्टबिन में पालिथिन थी, जिससे आग लगी और धुआं भी उठने लगा। धुआं उठते ही अलार्म भी बजने लगा और ट्रेन मौके पर खड़ी हो गई। इसके बाद यात्री ट्रेन से उतर गए। इसी बीच पेंट्रीकार के कर्मचारी ने अग्निश्मन यंत्र से डस्टबिन की आग बुझाई। करीब आधे घंटे बाद ट्रेन गंतव्य के लिए रवाना हुई।

घटना बुधवार की शाम 5:30 बजे के लगभग की है। मुंबई-हावड़ा मेल रफ्तार से बिलासपुर की ओर आ रही थी। अभी ट्रेन दुर्ग से छूटकर भिलाई के करीब पहुंचने वाली थी, तभी कोच में लगा अलार्म बजने लगा। अलार्म बजते ही ट्रेन के पहिए थम गए। आग लगने की सूचना सुनकर जनरल कोच में सफर कर रहे यात्रियों के बीच हड़कंप मच गया और घबराकर सामान लेकर ट्रेन से नीचे उतरने लगे। देखते ही देखते इंजन के बाद के तीन कोच के यात्री नीचे उतर गए। वहीं ट्रेन खड़ी होते ही गार्ड व चालक भी पहुंचे। इंजन से तीसरे नंबर के जनरल कोच से धुआं उठ रहा था और अलार्म भी यहीं का बज रहा था। जब नजदीक जाकर देखा तो आग कोच के डस्टबिन में लगी थी। इतने में पेंट्रीकार का एक कर्मचारी पहुंचा और अग्निश्मन यंत्र की मदद से आग को बुझाया। पूछताछ में यह बात सामने आई कि किसी यात्री ने सिगरेट जलाकर इसमें फेंका है। हालांकि यह बदमाशी किसकी थी यह तो स्पष्ट नहीं हुआ। लेकिन, इसके चलते यात्रियों को परेशानी हुई। यात्री इतने घबरा गए कि लगेज लेकर हड़बडाते हुए नीचे उतरने लगे। देखते ही देखते ट्रेन के किनारे यात्रियों की भीड़ जमा हो गई। इस बीच ट्रेन स्टाफ ने यात्रियों को समझाया कि घबराने की बात नहीं है। डस्टबिन में आग लगी है। उसे अब बुझा लिया गया है। इसके बाद ही यात्रियों की जान में जान आई और वह वापस कोच में चढ़े। इस घटना के चलते ट्रेन करीब आधे घंटे तक खड़ी रही।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग व धुआं उठने की इस घटना से कुछ यात्री इतने घबरा गए कि वह ट्रैक के किनारे से होते हुए बाहर चले गए। वह दहशत के कारण वापस ट्रेन में ही नहीं चढ़े। यह यात्री भिलाई व कुम्हारी समेत आसपास के रहवासी थे, जिन्हें उतरना था।

स्मोक डिटेक्शन व सप्रेशन प्रणाली की मदद से जरा सा धुआं उठने पर अलार्म बजने लगता है। स्मोक डिटेक्शन एक लूप में कंट्रोल माड्यूल से जुड़ा होता है। आग लगने की स्थिति में अलार्म बजने लगता है और अपने आप ब्रेक भी लग जाता है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में ट्रेनों के पावर कार एवं पेंट्रीकार में भी एडवांस फायर एंड स्मोक डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम के तहत एस्पीरेशन एवं हीट टाइप फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सेंसर्स, सप्रेशन आउटलेट, पीएलसी पैसेंजर अलार्म बजर उपकरण लगाए गए हैं। धुआं, चिंगारी या आग के संकेत मिलते ही सिस्टम में लगे सेंसर सक्रिय हो जाते हैं और अलार्म बजने के साथ दोनों सिलिंडर क्रियाशील होकर प्रेशर बनाने लगते हैं। कुछ देर में नाइट्रोजन और पानी का मिश्रण पाइपों में प्रवाहित होने लगता है। दबाव बढ़ते ही वाल्व खुल जाते हैं और नाइट्रोजन मिश्रित पानी की बौछार शुरू हो जाती है। इस प्रकार आग बुझाने पर काबू पा लिया जाता है।

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