छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री न बन पाने वालाें काे मिल सकती है भाजपा के प्रदेश संगठन में कुर्सी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब मंत्री बनने के लिए दौड़ चल रही है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने इस दौड़ काे मैराथन दौड़ में बदल दिया है। कैबिनेट का विस्तार अब विधानसभा सत्र के बाद होना है। कैबिनेट में ज्यादातर नए चेहरों को रखने की बात सामने आ रही है। ऐसे में जिन दिग्गज नेताओं को मंत्री की कुर्सी नहीं मिल पाएगी, उनको संगठन में रखे जाने की संभावना है। कैबिनेट के विस्तार के बाद ही प्रदेश के भाजपा संगठन में भी बड़ा फेरबदल होगा। विधानसभा चुनाव में प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव के साथ तीन महामंत्री और तीन उपाध्यक्ष भी चुनाव जीत गए हैं। इनके स्थान पर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के चुनाव के लिए इस बार भाजपा का राष्ट्रीय संगठन बहुत ज्यादा ही गंभीर रहा। यही वजह है कि यहां पर चुनाव की कमान संभालने का काम खुद केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने किया। उनके चुनाव की कमान संभालने के बाद यहां पर बड़े चौंकाने वाले फैसले हुए। इसके पीछे का कारण यह रहा कि भाजपा काेई भी गलती किए बिना इस बार चुनाव जीतना चाहती थी और वह चुनाव जीत भी गई।
नए प्रदेशाध्यक्ष की तलाश
विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर के सांसद अरुण साव काे लोरमी से टिकट दिया गया था और वे वहां से भारी मतों से जीते। चुनाव जीतने के बाद वे मुख्यमंत्री पद के भी दावेदार थे, लेकिन उनको यह पद तो नहीं मिला, लेकिन उनको डिप्टी सीएम बनाया गया है। जल्द ही उनक प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ेगा। उनके स्थान पर अब नए अध्यक्ष की तलाश प्रारंभ हो गई है। एक संभावना यह जताई जा रही है कि ओबीसी के स्थान पर ओबीसी अध्यक्ष ही रखा जाएगा। इसी के साथ यह भी कहा जा रहा है कि जिनको मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलेगा, उनमें से भी किसी को अध्यक्ष बनाया जा सकता है, फिर वह चाहे किसी भी वर्ग का क्यों न हो।
तीनों महामंत्री भी बदलेंगे
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव के साथ तीनों महामंत्री केदार कश्यप काे नारायणपुर, विजय शर्मा को कवर्धा और ओपी चौधरी को रायगढ़ से चुनाव जीते हैं। ऐसा पहली बार हुआ जब संगठन के तीनों महामंत्री चुनाव लड़े और जीते भी। इसी के साथ प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव काे कोटा से मैदान में उतारा गया लेकिन वे चुनाव हार गए। चार उपाध्यक्षों सरला काेसरिया को सरायपाली, उधेश्वरी पैकरा काे सामरी लखन देवांगन को कोरबा और मोतीलाल साहू को रायपुर ग्रामीण से चुनाव लड़ाया गया। इसमें से सरला कोसरिया को छोड़कर बाकी तीनों उपाध्यक्ष चुनाव जीते हैं। अब तीन नए उपाध्यक्ष भी बनाए जाएंगे। कुल मिलाकर तीन महामंत्री और तीन उपाध्यक्ष के पदों पर ऐसे दिग्गजों को भी रखा जा सकता है जिनको मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिल पाएगा।