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कोन्दा भैरा के गोठ – सुशील भोले

–मूल निवासी मनला इहाँ के मुखिया बनाए हे कहिके गजब गदकत रेहेन जी भैरा.. एकरे सेती उनला ज्ञापन अउ जम्मो मिडीया मन के माध्यम ले हमर महतारी भाखा छत्तीसगढ़ी म शपथ ले बर गोहराए रेहेन, फेर वो मन तो ए डहार चेते नइ करीन.
-हव जी कोंदा इही बात ह महूं ल अलकरहा बानी के जनाइस हे. इहाँ के पढ़इया लइका मन ले लेके सियान-सामरत सबो झन छत्तीसगढ़ी म शपथ ले खातिर गोहराईन फेर सब बिरथा होगे.
-हव जी.. अउ तैं शपथ ग्रहण समारोह ल देखे हावस, वो मंच हमर राजगीत- ‘अरपा पैरी के धार..’ के गायन घलो नइ होइस.
-अतकेच नहीं संगी, वो मंच म छत्तीसगढ़ महतारी के छापा ल घलो एक कोंटा म टिकली बरोबर चटका दिए रिहिन हें भइगे.
-मोला तो ए सबो लच्छन ह बने नइ जनावत हे संगी.. फेर इहाँ राष्ट्रीयता के नॉव म क्षेत्रीय उपेक्षा के खेल तो नइ चालू हो जाही?