छत्तीसगढ़ के इस जिले के भू-जल स्तर में लगातार गिरावट

रायपुर। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड की एक रिपोर्ट कहती है कि साल 2040 तक राज्य का भू जल स्तर अपनी सर्वाधिक गिरावट दर्ज कर लेगा. हालात बद से बदतर हो जाएंगे और राज्य में पानी के लिए हाहाकार मचेगा. इस रिपोर्ट के बीच जल संसाधन विभाग ने हाल ही में कलेक्टरों को एक पत्र जारी कर कहा है कि राज्य के 5 ब्लाॅक क्रिटिकल और 21 ब्लाॅक सेमी क्रिटिकल की श्रेणी में है. जाहिर है, भू जल संरक्षण के लिए सरकार सतर्क कर रही है. भू जल स्तर की वर्तमान स्थिति के बीच जल संरक्षण के उपायों पर सरकार का ध्यान है. इन उपायों के बीच हाल ही में धमतरी जिले में जल जगार महोत्सव का आयोजन किया गया. करीब छह महीने पहले हुए इस आयोजन में जिला प्रशासन ने दो करोड़ रुपए खर्च किए थे. इस आयोजन का मकसद जल संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना था. प्रशासन के पास इस बात का कोई आंकड़ा नहीं है कि जिस आयोजन में करोड़ों रुपए फूंक दिए गए उसका कितना जमीनी असर हुआ है, मगर जल जगार महोत्सव में खर्च हुई रकम से जुड़े दस्तावेज बताते हैं कि जल जगार महोत्सव के आयोजन में धमतरी जिला प्रशासन ने बड़ी गड़बड़ी कर दी.
दस्तावेजों की पड़ताल से यह मालूम पड़ता है कि इस आयोजन का उद्देश्य जल सरंक्षण के लिए प्रचार-प्रसार कम और एक इवेंट कंपनी को फायदा पहुंचाना ज्यादा रहा. शासन के विभिन्न विभागों में अलग-अलग मदों के लिए आई राशि बिना अनुमति इस आयोजन में खर्च करते हुए वित्तीय नियमों की अनदेखी की गई. इस आयोजन के लिए जारी किए गए टेंडर की पूर्व स्वीकृति नहीं ली गई. दस्तावेज में शामिल बिंदू बताते हैं कि टेंडर की शर्तें ऐसी बनाई गई, जिससे एक विशेष इवेंट कंपनी को फायदा पहुंचाया जा सके. दस्तावेज यह भी बताते हैं कि इस इवेंट के लिए जारी टेंडर में भंडार क्रय नियमों की अनदेखी की गई.
भंडार क्रय नियम के अनुसार दो राष्ट्रीय औऱ दो राज्य स्तरीय समाचार पत्रों में विज्ञापन का प्रकाशन न्यूनतम तीस दिन की अवधि के लिए किए जाने के नियम को धाक पर रख दिया गया. टेंडर 30 अगस्त 2024 को जारी किया गया. 9 सितंबर 2024 को इसमें संशोधन किया गया और 13 सितंबर 2024 को टेंडर खोल दिया गया. दस्तावेज बताते हैं कि संपूर्ण आयोजन का जिम्मा टेंडर के जरिए लाइम लाइट क्राप रायपुर को दिया गया था. यह टेंडर करीब 2 करोड़ 9 लाख 63 हजार रुपए का था. मगर आयोजन खत्म होने के बाद करीब दस लाख रुपए का अतिरिक्त भुगतान लाइम लाइट क्राप कंपनी को कर दिया गया. आरोप यह भी है कि स्थानीय स्तर पर निजी संस्थानों और संगठनों पर भी आयोजन के लिए चंदा देने का दबाव बनाया गया.